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स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को किया बैन, 2.75 लाख कनेक्शन काटे

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को बताया कि स्पैम कॉल और मैसेजों पर अंकुश लगाने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने 50 से अधिक संस्थाओं को ब्लॉक कर दिया है और 2.75 लाख से अधिक मोबाइल नंबरों तथा अन्य दूरसंचार संसाधनों के उपभोक्ताओं के कनेक्शन बंद कर दिये हैं। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने पिछले महीने सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से अपंजीकृत प्रेषकों या टेलीमार्केटर्स के प्रमोशनल वॉयस कॉल को तुरंत रोकने के कड़े निर्देश दिए थे। इसके बाद दूरसंचार कंपनियों ने यह कदम उठाया है।

ट्राई ने कहा, एक्सेस प्रदाताओं ने स्पैमिंग के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं और 50 से अधिक संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट किया है और 2.75 लाख से अधिक एसआईपी डीआईडी/मोबाइल नंबर/दूरसंचार संसाधनों की सेवा बंद की है। दूरसंचार नियामक ने कहा कि इन कदमों से स्पैम कॉल को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण प्रभाव की उम्मीद है।

ट्राई ने सभी हितधारकों से निर्देशों का पालन करने और एक स्वच्छ तथा अधिक कुशल दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देने का आग्रह किया।
उसने कहा, कोई भी अपंजीकृत टेलीमार्केटर इन संसाधनों का दुरुपयोग करते हुए पाया जाता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसमें दो साल तक के लिए सभी दूरसंचार संसाधनों को डिस्कनेक्ट करना और ब्लैकलिस्ट करना शामिल है।

ट्राई ने जनवरी-जून की अवधि में स्पैम कॉल में उल्लेखनीय वृद्धि देखी, जिसमें अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स (यूटीएम) के खिलाफ 7.9 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं। इस बीच, नियामक ने यूआरएल, एपीके और ओटीटी लिंक की श्वेतसूची के संबंध में अपने निर्देश का पालन करने के लिए एक्सेस सेवा प्रदाताओं को एक महीने का विस्तार दिया है। ट्राई ने पहले देश के प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों को 1 सितंबर तक ऐसे संदेशों को विनियमित करने के लिए कहा था।

 

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