नई दिल्ली : इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुझानों और विदेशी कोषों की गतिविधियों से तय होगी। वेिषकों ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में बाजार के लिए वैश्विक गतिविधियां महत्वपूर्ण होंगी। वेिषकों ने कहा कि मासिक वायदा डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान के बीच बाजार में अस्थिरता देखने को मिल सकती है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अजित मिश्र ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि फरवरी महीने के डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान के कारण बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव रहेगा। इसके अलावा प्रतिभागियों को वैश्विक सूचकांकों, विशेष रूप से अमरीका के प्रदर्शन पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।’ पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सैंसेक्स 716.16 अंक या एक प्रतिशत बढ़कर 73,142.8 अंक पर बंद हुआ।
सूचकांक अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर 73,427.5 के बेहद करीब है। उन्होंने बताया कि बीते सप्ताह बाजार अस्थिर रहे, लेकिन लगभग एक प्रतिशत की बढ़त दर्ज करने में सफल रहे। शुरुआती बढ़त के बाद मिलेजुले वैश्विक संकेतों के साथ मुनाफावसूली के चलते बाजार की तेजी सीमित रह गई। मिश्र ने कहा कि अमरीकी बाजारों के अच्छे प्रदर्शन के कारण उम्मीद है कि भारतीय बाजारों में भी तेजी का रुख बना रहेगा।
निवेशकों को पिछले सप्ताह केंद्रीय बैंक द्वारा जारी फरवरी की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के ब्यौरे से भी कुछ संकेत मिलने की उम्मीद है। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर, लगभग सभी एमपीसी सदस्यों ने मुद्रास्फीति के परिदृश्य को लेकर अनिश्चितताओं को देखते सतर्क रुख जारी रखने की बात कही है।’
वेिषकों ने बताया कि कच्चे तेल की कीमतें, रुपए की चाल, भारत के साथ ही अमरीका में जारी होने वाले तिमाही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के आंकड़े और आने वाले सप्ताह में मासिक विनिर्माण पीएमआई आंकड़े बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे। इस सप्ताह शेयर बाजार में 3,300 करोड़ रुपए से अधिक के छह आईपीओ आएंगे। इनमें प्लैटिनम इंडस्ट्रीज और एक्सिकॉम टेली सिस्टम्स के आईपीओ शामिल हैं।