मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में मध्य वर्ग द्वारा घरेलू बचतों को पूंजी बाजार में निवेश करने के बढ़ते रुझान को देखते हुए शेयर बाजारों को व्यवस्थागत जोखिम कम करने के लिए नियम-कायदे और मजबूत करने की मंगलवार को सलाह दी। श्रीमती सीतारमण ने मुंबई में शेयर बाजार बीएसई के एक कार्यक्रम में कहा कि घरेलू बचत के निवेश के बारे में भारत में नयी पीढ़ी की सोच बदल रही है। उन्होंने निवेशकों का जोखिम कम करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( एनएसई) और बीएसई (पहले बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के शीर्ष अधिकारियों को बाजार विनियामक प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ मिलकर विनियामकीय मानक और कड़ा करने की अपील की।
कार्यक्रम का विषय था- “विजन फॉर इंडियन फाइनेंस मार्केट्स” यानी भारत के वित्तीय बाजार के लिए भविष्य की सोच। श्रीमती सीतारमण ने बाजार में मध्यम वर्ग के निवेशकों की भागीदारी की सक्रिय भूमिका के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि निवेशकों और उनके योगदान की रक्षा करने की आवश्यकता है ताकि घरेलू वित्त के विषय में हो रहा पीढ़ीगत बदलाव बाजार में अत्यधिक जोखिम भरे उत्तार चढ़ाव के चलते बिखर न जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि वायदा और विकल्प (एफएंडओ) के खुदरा व्यापार में कोई भी अनियंत्रित विस्फोट न केवल बाजारों के लिए, बल्कि निवेशक भावना और घरेलू वित्त के लिए भविष्य की चुनौतियां पैदा कर सकता है।
मंत्री ने कहा, “मैं बीएसई से अपील करूंगा कि आपको कड़े अनुपालन और नियामक मानक सुनिश्चित करने के लिए सेबी के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि निवेशकों का विश्वास और बढ़े।” वित्त मंत्री ने कहा कि बाजार स्थिरता सुनिश्चित करने और प्रणालीगत जोखिमों को कम करने के लिए बीएसई और एनएसई के निर्णायक अधिकारियों को बढ़ चढ़ कर कदम उठाना चाहिए। उन्होंने बाजार के सदस्यों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ब्लॉक चेन जैसी प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की अपील की।