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Tata Power राजस्थान में निवेश करेगी 1.2 लाख करोड़ रुपये, परमाणु ऊर्जा की संभावना का लगायेगी पता

नयी दिल्ली: देश में विद्युत ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी एकीकृत कंपनियों में से एक टाटा पावर ने राजस्थान में ऊर्जा क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं में 10 वर्ष में लगभग 1.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं। इसमें 75 हजार करोड़ रुपये अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लगाये जायेंगे। कंपनी ने कहा है कि वह कंपनी राजस्थान में परमाणु ऊर्जा संयंत्र विकसित करने के अवसरों की भी खोज करेगी। राजस्थान सरकार की ओर से नयी दिल्ली में आयोजित राइजिंग राजस्थान निवेशक सम्मेलन के दौरान किये गये इन समझौतों में ऊर्जा परियोजनाओं, सौर मॉड्यूल विनिर्माण संयंत्र, सौर रूफटॉप्स की स्थापना, पारेषण और वितरण परियोजनाओं, परमाणु ऊर्जा संयंत्र और ईवी चार्जिंग के विकास से संबंधित समझौते हैं। कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा, “ इस ऐतिहासिक समझौते का उद्देश्य राज्य में चौबीसों घंटे स्वच्छ, सस्ती और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इससे अगले 10 वर्षों में 28,000 रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। ”

कंपनी ने राजस्थान में निवेश की 10-वर्षीय योजना तैयार की है, जिसका उद्देश्य राजस्थान को बिजली अधिशेष राज्य में बदलने में सहायता करना है, अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं और विनिर्माण, संचरण, वितरण, परमाणु ऊर्जा, छत पर स्थापना और ईवी चार्जिंग में निवेश के साथ 24/7 स्वच्छ, सस्ती और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति प्रदान करना है। इस समझौते में बिजली मूल्य श्रृंखला में व्यापक निवेश शामिल है, उत्पादन से लेकर संचरण और वितरण (टीएंडडी) सुधारों के साथ-साथ राज्य भर में अत्याधुनिक अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं, जिनमें छत पर सौर और ईवी चार्जिंग सहित सौर, पवन, हाइब्रिड और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) शामिल हैं। टाटा पावर के सीईओ और एमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा ने कहा, “अपने अनुभव का उपयोग करके, हमारा लक्ष्य राजस्थान के ऊर्जा लक्ष्यों का समर्थन करना और इसके लोगों के लिये आर्थिक अवसर पैदा करना है। हम राजस्थान को भविष्य के लिए तैयार, ऊर्जा-कुशल राज्य के रूप में स्थापित करने में राज्य सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हैं, जो सभी के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करता है।’

कंपनी की विज्ञति में कहा गया है कि वह राज्य में परमाणु ऊर्जा संयंत्र विकसित करने के अवसरों की भी खोज करेगी। इस समझौते के तहत टाटा पावर द्वारा बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर में 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (6,000 मेगावाट सौर और 4,000 मेगावाट हाइब्रिड) विकसित की जायेगी । कंपनी जोधपुर में 2000 करोड़ रुपये के निवेश से 2,000 मेगावाट की उन्नत सौर मॉड्यूल विनिर्माण सुविधा स्थापित करेगी । इसके अलावा कंपनी राज्य में ग्रिड अवसंरचना के आधुनिकीकरण, ऊर्जा हानि को कम करने और राज्य भर में बिजली की गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य पारेषण और वितरण क्षेत्र में क्रमश: लगभग 20,000 करोड़ रुपये और 10,000 करोड़ के निवेश का समझौता शामिल है । कंपनी ने राजस्थान में एक लाख ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री सूर्य गृह योजना के तहत 10 लाख घरों में छत पर सौर ऊर्जा प्रणालियां लगाई जायेगी। कंपनी ने कहा है कि इस समझौता ज्ञापन के लागू होने से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनकारी प्रभाव होगा, जिससे राज्य में 28,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी।

 

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