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चिकित्सा उपकरण निकाय ने पुराने उपकरणों के आयात को मंजूरी वापस लेने की मांग रखी

नयी दिल्ली: चिकित्सा उपकरण उद्योग के संगठन ने सरकार से पुराने चिकित्सा उपकरणों के आयात की मंजूरी देने वाले आधिकारिक ज्ञपन को वापस लेने का अनुरोध करने के साथ उद्योग मंडल फिक्की पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का पक्ष लेने का भी आरोप लगाया।भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग संघ (एआईएमईडी) ने एक बयान में फिक्की के चिकित्सा उपकरण प्रकोष्ठ पर हमला बोलते हुए कहा कि यह घरेलू विनिर्माताओं के हितों के खिलाफ और विदेशी कंपनियों के पक्ष में काम कर रहा है। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को भी नुकसान होगा।

इस आरोप पर फिक्की की चिकित्सा उपकरण समिति ने एक बयान में कहा, 95 साल से अधिक पुराने संगठन और वाणिज्य एवं उद्योग जगत के सबसे पुराने राष्ट्रीय चैंबर के खिलाफ एआईएमईडी के आरोपों को फिक्की खारिज करता है। यह गैर-जिम्मेदाराना बयान न केवल आधारहीन और द्वेषपूर्ण है बल्कि देश के सवरेत्तम हित में सही नीतिगत निर्णय लेने के भारत सरकार के मजबूत तंत्र में भी बाधा डालता है। सरकार ने 19 जून को जारी एक अधिसूचना में उन्नत प्रौद्योगिकी और अधिक कीमत वाले पुराने चिकित्सा उपकरणों के आयात की मंजूरी दी थी। हालांकि इसमें सघन देखभाल वाले चिकित्सा उपकरण शामिल नहीं किए गए हैं।

इस पर एआईएमईडी मंच के संयोजक राजीव नाथ ने कहा, पुराने चिकित्सा उपकरणों के आयात की मंजूरी देने का फैसला चिकित्सा उपकरणों के मामले में आत्मनिर्भर होने के लिए हाल ही में जारी राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 के प्रतिकूल है। यह एक प्रतिगामी कदम है जो निवेशकों को संशय में डालता है।

 

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