मुंबई: पायरेसी वैबसाइट से जुड़े भारतीय उपभोक्ताओं के लिए मालवेयर हमले का शिकार होने का अधिक खतरा है और यह जोखिम वयस्क साइट और जुए के विज्ञापनों से भी अधिक है। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनैस (आईएसबी) की तरफ से मंगलवार को जारी इस अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक, वयस्क उद्योग (57 प्रतिशत) और जुए के विज्ञापनों (53 प्रतिशत) की तुलना में पायरेसी साइट तक पहुंचने में मालवेयर (59 प्रतिशत) का खतरा अधिक होता है। यह अध्ययन भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के 1,037 उत्तरदाताओं के बीच 23-29 मई, 2023 के दौरान किए गए सव्रेक्षण पर आधारित है।
रिपोर्ट के मुताबिक, डिजीटल चोरी विभिन्न मनोरंजन क्षेत्रों में भारत के सांस्कृतिक उत्पादों के लिए बड़ा जोखिम पैदा करती है। इसमें फिल्म, संगीत, टीवी शो, किताबें, सॉफ्टवेयर और रचनात्मक कार्यो के अन्य रूपों सहित कॉपीराइट सामग्री की अनधिकृत प्रतिलिपि, वितरण या साझा करना शामिल है।