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यह लड़ाई Rahul Gandhi के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र की रक्षा और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए : Ajay Maken

जम्मू: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने मंगलवार को कहा कि राहुल गांधी को लोकसभा से ”जल्दबाज़ी में अयोग्य ठहराए जाने” के बाद पार्टी का अभियान लोकतंत्र की रक्षा करने और देश में भ्रष्टाचार को उजागर करने पर केंद्रित हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की कांग्रेस पार्टी की मांग को भी दोहराया। अजय माकन ने कहा, ‘‘ घटनाओं के क्रम को देखें, जिसकी परिणति राहुल गांधी को जल्दबाजी में संसद की सदस्यता से अयोग्यता ठहराए जाने के रूप में हुई। राहुल ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडाणी के बीच संबंधों पर गंभीर सवाल उठाए थे। इन सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसे हम लोकतंत्र को अयोग्य ठहराए जाने के रूप में देखते हैं।’’ अजय माकन ने यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारी लड़ाई राहुल गांधी के लिए नहीं है बल्कि यह देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए है।

हम भ्रष्टाचार को बेनकाब करने और आम नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए अपना विरोध जारी रखेंगे, जो घोर पूंजीवाद का शिकार हो रहे हैं।’’ माकन ने अडाणी मामले की जेपीसी जांच की मांग करते हुए कहा कि सरकार को विपक्ष की संयुक्त मांग का सम्मान करना चाहिए क्योंकि चीजों को स्पष्ट करने के लिए पिछली सरकारों द्वारा दो बार जेपीसी का गठन किया गया था। उन्होंने सवाल करते हुए कहा, ‘‘भाजपा इस तथ्य के बावजूद जेपीसी का गठन करने से क्यों डरती है कि इसमें उसके सदस्यों की संख्या सबसे अधिक होगी? जेपीसी का गठन मोदी और अडाणी के बीच संबंधों को उजागर करने और उन फर्जी कंपनियों की पहचान करने के लिए जरूरी है जो सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हैं क्योंकि इन कंपनियों को चीन और पाकिस्तान से सीधे समर्थन मिलने की संभावना है। ’’

इस दौरान कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष विकार रसूल वानी समेत पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। गौरतलब है कि सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाए जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को बीते शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें पिछले बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत ने, हालांकि राहुल को जमानत भी दे दी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि वह फैसले को चुनौती दे सकें।

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