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दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों की बढ़ी आबादी, कुल संख्या 107 से बढक़र 153 हुई

लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) क्षेत्र में बाघों की संख्या 82 से बढक़र 135 हो गई है।डीटीआर के उप निदेशक रेंगाराजू तमिलसेल्वन ने बताया कि डीटीआर क्षेत्र के बाहर के बाघों की संख्या मिलाकर बाघों की कुल संख्या 107 से बढक़र 153 हो गई है और इस प्रकार इसमें लगभग 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उपनिदेशक ने ह्यपीटीआई-भाषा को बताया कि दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की अधिक संख्या होने के कारण यह देश के बाघ अभयारण्यों में शीर्ष पर है।

देश के सभी बाघ अभयारण्यों में बाघों की स्थिति पर एक रिपोर्ट की जानकारी शनिवार को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर सामने आई।डीटीआर अधिकारियों ने शुक्रवार को दुधवा वन क्षेत्रों में मैराथन गश्त का आयोजन किया, जिसका समापन अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर हुआ, इस दौरान डीटीआर अधिकारियों की 12 से अधिक टीम ने पैदल, साइकिल, नाव और हाथियों पर कुल 4,898 किलोमीटर की दूरी तय की।डीटीआर के उप निदेशक ने कहा कि डीएनपी, किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य और बफर जोन के क्षेत्रों सहित पीलीभीत, बहराइच तथा नेपाल से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त की गई।

उन्होंने बताया कि 24 घंटे लंबी मैराथन गश्त को शुक्रवार सुबह दुधवा पर्यटक परिसर से क्षेत्रीय निदेशक ललित वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, वह खुद भी गश्ती दल का हिस्सा थे। अधिकारियों ने दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में घास के मैदान के प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा अभियान शुरू किया है।उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के विशेषज्ञों के एक दल ने घास के मैदान प्रबंधन के पांच मॉडल सुझाए थे।उन्होंने कहा कि इन सभी मॉडलों की प्रभावशीलता का अध्ययन करने के लिए, सथियाना रेंज, बेलरायां रेंज और दक्षिण सोनारीपुर रेंज में दो-दो हेक्टेयर माप वाले छह घास के मैदानों को शामिल किया जा रहा है।

 

 

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