Today’s Stock Market : फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट (FPI) ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये निकाले हैं। इस तरह यह FPI की निकासी के मामले में सबसे खराब महीना रहा है। घरेलू बाजारों में ऊंचे मूल्यांकन तथा चीन के शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन की वजह से FPI भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं।
इससे पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मार्च, 2020 में शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे। FPI ने इस ताजा निकासी से पहले सितंबर में शेयरों में 57,724 करोड़ रुपये डाले थे। यह उनके निवेश का नौ माह का उच्च स्तर था।
मॉíनंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के प्रबंधक और रिसर्चर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भविष्य में भू-राजनीतिक घटनाक्रम, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव, चीनी अर्थव्यवस्था में प्रगति और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे जैसे वैश्विक घटनाक्रम भारतीय शेयरों में विदेशी निवेश को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति का रुख, कंपनियों के तिमाही नतीजे और त्योहारी मांग के आंकड़ों पर FPI की निगाह रहेगी। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, FPI ने अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। पूरे महीने में सिर्फ एक दिन FPI लिवाल रहे हैं।
इस तरह 2024 में शेयरों में उनका कुल निवेश घटकर 6,593 करोड़ रुपये रह गया है। FPI की बिकवाली की वजह से प्रमुख सूचकांक अपने शीर्ष स्तर से करीब आठ प्रतिशत नीचे आ गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, FPI ने समीक्षाधीन अवधि के दौरान बॉन्ड से सामान्य सीमा के माध्यम से 4,406 करोड़ रुपये निकाले हैं और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (VRR) से 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है।