कोलकाता: रेंटिंग एजेंसी केयरएज के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में पश्चिम बंगाल का राजकोषीय व्यय, उसके पूंजीगत व्यय से अधिक हो गया है। रेंटिंग एजेंसी ने कहा कि इससे राजस्व व्यय और राजकोषीय व्यय के बीच बढ़ते असंतुलन का पता चलता है, जो प्रमुख भारतीय राज्यों में देखे गए व्यापक रुझानों के अनुरूप है। राज्य और केंद्रीय वित्त पर एजेंसी की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य ने राजस्व व्यय में सालाना आधार पर 13.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि इसका पूंजीगत व्यय केवल 7.7 प्रतिशत बढ़ा।
केयरएज की रिपोर्ट में कहा गया है, वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में राज्यों का राजस्व व्यय मजबूत रहा। कुल मिलाकर, हमारे नमूने में शीर्ष 20 राज्यों ने वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में अपने बजटीय राजस्व व्यय का 41.5 प्रतिशत उपयोग किया, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में 40 प्रतिशत उपयोग से थोड़ा अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक मुफ्त उपहार, आय सहायता और ऋण माफी जैसे चुनावी वादों को लागू करने के कारण यह वृद्धि हुई।