शनिवार का दिन भगवान शनि देव जी को अर्पित किया जाता है। माना जाता है कि जिस भी व्यक्ति पर भगवान शनि देव जी की बुरी दृष्टि पड़ जाती है उसे जीवन में कभी भी सुख की प्राप्ति नहीं होती और वह किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं पाता। माना जाता है कि जिस भी.
हिंदू धर्म में तिलक लगाने का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। इसीलिए हर पूजा के पहले माथे पर तिलक लगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार तिलक के बिना कोई भी स्नान, दान, तप, यज्ञ, देव व पितृ कर्म सभी को अधूरा माना जाता है। जब भी हम मंदिर में माथा टेकते है हो पुजारी.
माघ मास की शुरुआत आज यानि के 7 जनवरी दिन शनिवार से हो चूका है। माघ मास में स्नान का बहुत अधिक महत्त्व माना जाता है। माना जाता है कि माघ मास में स्नान करने से हजारों अश्वमेध यज्ञ कराने के बाराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। बताते चले कि माघ मास में तीन बार.
अंक 1 अभी आपका दिमाग केवल घर पर केंद्रित है। माता पिता को आपकी सहायता की ज़रूरत होगी। घरेलू मामलों को व्यवस्थित करने के लिए समय निकालें। एक ही समय में कई सारी जिम्मेदारियों और उत्तरदायित्वों में असहज़ महसूस करेंगे। अंक 2 आपने जो परिपक्वता प्राप्त की है, उससे आप दूसरों को अधिक देने और.
मेष आज का दिन व्यापार कर रहे लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है। यदि आप अपनी कुछ योजनाओं की शुरुआत करने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, तो आप उन्हें शुरू कर सकते हैं। प्रेम जीवन जी रहे लोग अपने साथी पर किसी तीसरे के कारण शक कर सकते हैं, जिसके.
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2023 संवत्सर नाम-राक्षस अयन-दक्षिणायण मास-माघ पक्ष-कृष्ण ऋतु-शिशिर वार-शनिवार तिथि (सूर्योदयकालीन)-प्रतिपदा नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-पुनर्वसु योग (सूर्योदयकालीन)-ऐंन्द्र करण (सूर्योदयकालीन)-बालव लग्न (सूर्योदयकालीन)-धनु शुभ समय-प्रात: 7:35 से 9:11, 1:57 से 5:08 बजे तक राहुकाल-प्रात: 9:00 से 10:30 तक दिशा शूल-पूर्व योगिनी वास-पूर्व गुरु तारा-उदित शुक्र तारा-उदित चंद्र स्थिति-कर्क व्रत/मुहूर्त-देवदर्शन यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित.
माघ मास की शुरुआत कल यानि के 7 जनवरी दिन शनिवार से हो रही है। माघ मास में स्नान का बहुत अधिक महत्त्व माना जाता है। माना जाता है कि माघ मास में स्नान करने से हजारों अश्वमेध यज्ञ कराने के बाराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। बताते चले कि माघ मास में तीन बार.
मनुष्य एक सांसारिक प्राणी है। संसार के भौतिक मायाजाल का हमारे मानस पटल पर प्रतिपल प्रभाव पड़ता है। कर्मों के प्रवाह में बहते हुए हमें उचित अथवा अनुचित का आभास ही नहीं होता। ऐसी विकट परिस्थितियों में आत्मचिंतन ही मनुष्य को मानसिक शक्ति प्रदान करता है। आत्मचिंतन स्वयं को सूक्ष्मता से परखने की प्रक्रिया है।.
भाग्य का हमारे जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव होता है। इस संसार में मनुष्य जब जन्म लेता है तो अपना भाग्य साथ ही लिखवाकर आता है, ऐसा हमारी भारतीय संस्कृति मानती है। भाग्य कौन लिखता है? यह कैसे बनता है? आदि प्रश्न हमारी जिज्ञासा को बढ़ाते हैं। ऐसा कोई भी व्यक्ति विशेष ऊपर आसमान.