मेष आज का दिन आपके लिए सावधानी और सतर्कता बरतने के लिए रहेगा। आप अपने बढ़ते हुए खर्चों पर लगाम लगाकर भविष्य के लिए कोई धन संचय करने की योजना बना सकते हैं, लेकिन वरिष्ठ सदस्यों से बातचीत करते समय आप वाणी की मधुरता को बनाए रखें, नहीं तो उन्हे आपकी कोई बात बुरी लग.
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2023 संवत्सर नाम-राक्षस अयन-दक्षिणायण मास-माघ पक्ष-कृष्ण ऋतु-शिशिर वार-रविवार तिथि (सूर्योदयकालीन)-द्वितीया नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-पुष्य योग (सूर्योदयकालीन)-वैधृति करण (सूर्योदयकालीन)-तैतिल लग्न (सूर्योदयकालीन)-धनु शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32 राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक दिशा शूल-पश्चिम योगिनी वास-उत्तर गुरु तारा-उदित शुक्र तारा-उदित चंद्र स्थिति-कर्क व्रत/मुहूर्त-रविपुष्य योग/सर्वार्थसिद्धि योग/ मूल प्रारंभ.
ईश्वर नाम है उस शक्ति का जो प्रत्यक्ष न होते हुए भी सभी जगह है। पृथ्वी के कण-कण, अणु अणु में ईश्वर की उपस्थिति दर्ज होती है। फिर भी ईश्वर है या नहीं, इसको लेकर समाज आदि काल से ही दो वर्गों में बंटा है-आस्तिक और नास्तिक। आस्तिक ईश्वर की अलौकिक शक्ति को मानते हैं.
वास्तुशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हमें बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर हम अपने घर में शांति चाहते है तो हमें अपने घर में वास्तुशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। माना जाता है के हमारे घर में जो कुछ भी वस्तुए राखी होती है उनका हमारे जीवन.
वास्तु शास्त्र हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। माना जाता है कि जिस भी घर का वास्तु शास्त्र गलत होता है उसे जीवन बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पढ़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार माना जाता है हमारे घर में रही गई हर एक वस्तु हमारे जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव.
शनिवार का दिन भगवान शनि देव जी को अर्पित किया जाता है। माना जाता है कि जिस भी व्यक्ति पर भगवान शनि देव जी की बुरी दृष्टि पड़ जाती है उसे जीवन में कभी भी सुख की प्राप्ति नहीं होती और वह किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं पाता। माना जाता है कि जिस भी.
हिंदू धर्म में तिलक लगाने का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। इसीलिए हर पूजा के पहले माथे पर तिलक लगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार तिलक के बिना कोई भी स्नान, दान, तप, यज्ञ, देव व पितृ कर्म सभी को अधूरा माना जाता है। जब भी हम मंदिर में माथा टेकते है हो पुजारी.
माघ मास की शुरुआत आज यानि के 7 जनवरी दिन शनिवार से हो चूका है। माघ मास में स्नान का बहुत अधिक महत्त्व माना जाता है। माना जाता है कि माघ मास में स्नान करने से हजारों अश्वमेध यज्ञ कराने के बाराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। बताते चले कि माघ मास में तीन बार.
अंक 1 अभी आपका दिमाग केवल घर पर केंद्रित है। माता पिता को आपकी सहायता की ज़रूरत होगी। घरेलू मामलों को व्यवस्थित करने के लिए समय निकालें। एक ही समय में कई सारी जिम्मेदारियों और उत्तरदायित्वों में असहज़ महसूस करेंगे। अंक 2 आपने जो परिपक्वता प्राप्त की है, उससे आप दूसरों को अधिक देने और.