एडवोकेट की हत्या के लिए साले ने दी थी 20 लाख की सुपारी, शूटर समेत पांच गिरफ्तार

थाना दुगरी की टीम ने 2 आरोपियों को बैंगलूरू व तीन को लुधियाना से किया काबू। आरोपियों से वारदात में इस्तेमाल कार, 2 पिस्टल 32 बोर, एक 315 बोर की देसी पिस्तौल व 4 मोबाइल बरामद।

लुधियाना। दुगरी में कार सवार एडवोकेट सुखमीत भाटिया की हत्या के लिए उसके साले व ससुराल वालों ने 20 लाख रुपए की सुपारी दी थी। पुलिस ने इस मामले में एडवोकेट पर गोलियां चलाने वाले आरोपी समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि इस मामले में नामजद एडवोकेट भाटिया के साले मंदीप सिंह, सुखविंदर सिंह गुलाटी व पत्नी गगनदीप कौर की गिरफ्तारी अभी बाकी है। काबू आरोपियों की पहचान बैंजामिन रोड निवासी कमल वर्मा, उसके बेटे मोहित वर्मा, गांव नंगला, हरिद्वार निवासी टीनू आनंद, गांव नारो माजरा, मलेरकोटला निवासी हरमन सिंह व गाव सैदपुर, गढ़शंकर, होशियारपुर निवासी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी के रूप में हुई है।

आरोपियों से वारदात में इस्तेमाल निशान मैगनाइट कार, 2 पिस्टल 32 बोर, एक 315 बोर की देसी पिस्तौल व 4 मोबाइल बरामद किए हैं। मामले के बारे में जानकारी देते हुए डीसीपी जसकिरणजीत सिंह तेज ने बताया कि घटना 14 फरवरी की है। गुरु ज्ञान विहार, जवद्दी के रहने वाले एडवाकेट सुखमीत सिंह भाटिया अपने भांजे पीकू के साथ अपनी कीया कार में फेस-1, दुगरी मार्केट में गए थे। चिक-चिक चौक के निकट सफेद रंग की निशान मैगनाईट कार में सवार अज्ञात व्यक्ति ने उस पर गोलियां चला दी। सुखमीत सिंह भाटिया को दो गोलियां लगीं, वह खुद ही कार चलाकर डीएमसी अस्पताल चले गए। पुलिस ने इस मामले में एडवोकेट भाटिया की पत्नी गगनदीप कौर, साले मंदीप सिंह गुलाटी, सुखविंदर सिंह गुलाटी व सुखविंदर के साले मोहित वर्मा पर हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।

जांच के दौरान पुलिस ने सबसे पहले मोहित के पिता कमल कपूर को उठाया। इसके बाद आरोपी टीनू आनंद व मोहित को बैंगलूरू से गिरफ्तार किया। इसके बाद गोलियां चलाने वाले हरमन सिंह व गुरप्रीत सिंह गोपी को काबू किया गया। डीसीपी के मुताबिक पुलिस पूछताछ में आरोपी टीनू आनंद ने बताया कि पहले पहले सुखविंदर सिंह गुलाटी उर्फ विनोद के साथ वीजा लगवाने का काम करता था। उसने बताया कि दिसंबर महीने में उसकी सुखविंदर सिंह से मुलाकात हुई। सुखविंदर ने अपने साले मोहित से उसकी मुलाकात करवाई। सुखविंदर ने बताया कि उसकी बहन गगनदीप कौर की शादी एडवोकेट सुखमीत भाटिया से हुई थी। उसने बताया कि गगनदीप के पति व ससुराल वाले उसे बहुत तंग करते थे। उन लोगों ने उसकी बहन को घर से निकाल दिया और जिंदगी बर्बाद कर दी। वह सुखमीत सिंह को मारकर बदला लेना चाहते थे। टीनू ने बताया कि पैसों के लालच में आकर वह इसके लिए तैयार हो गया। उसने इस बारे में गांव नारोमाजरा के रहने वाले हरमन सिंह से बात की। हरमन इसके लिए राजी हो गया। टीनू ने बताया कि सुखविंदर गुलाटी ने ही इसके लिए हथियारों का इंतजाम किया।

हरमन ने बताया कि उसके साथ सोनी उर्फ बॉबी चप्प व दीप हैं, जिन्होंने मिलकर काम करना है। आखिरकार सौदा 20 लाख रुपए में तय हुआ। सुखविंदर ने उससे कहा कि काम होने के बाद वह उसे पैसे भेज देगा और वह आगे हरमन को पैसे दे दे। इसके बाद तय योजना के मुताबिक सुखविंदर अपनी पत्नी, बच्चे व मां को लेकर दुबई चला गया। जबकि वह लुधियाना में ही एक होटल में कमरा किराए पर लेकर रहने लगा। उसने बताया कि इसके बाद मोहित ने बताया कि 14 फरवरी को एडवोकेट भाटिया का काम तमाम करना है। उसका कहना है कि वारदात के बाद जब हरमन उससे पैसे मांगने आया तो फोन पर सुखविंदर भाटिया ने कहा कि भाटिया तो बच गया, वह किस बात के पैसे दे। इस पर हरमन ने कहा कि उसने तो अपने तौर पर उसे गोलियां मारकर मार दिया, अब वह बच गया तो वह क्या करे।

इसके बाद सुखविंदर ने उसे हरमन को 3 लाख देने के लिए कहा। टीनू ने बताया कि उसने 1.10 लाख रुपए हरमन को कैश दिए और 80 हजार रुपए ऑन लाईन उसके खाते में ट्रांसफर किए। जबकि बाकी के 90 हजार हरमन ने किसी दूसरे के बैंक खाते में ट्रांसफर करवाए। उसका कहना है कि इसके बाद हरमन, सोनी उर्फ बॉबी चप्पा व दीप को छोड़कर वह सुखविंदर गुलाटी की कार में बैठकर मोहित वर्मा के साथ रूड़की में उसके घर आ गए और अगले दिन वहां से दिल्ली चले गए। इसके बाद दिल्ली से वह ट्रेन के जरिए बैंगलूरू चले गए और वहां एक होटल में रहने लगे। जहां से पुलिस ने उन्हें काबू कर लिया।

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