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1984 सिख विरोधी दंगे: दिल्ली की अदालत सज्जन कुमार मामले में सात फरवरी को सुनाएगी फैसला

नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत 1984 के सिख विरोधी दंगों के संबंध में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या के मामले में सात फरवरी को अपना फैसला सुना सकती है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने अभियोजन पक्ष की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायाधीश ने 21 दिसंबर को अभियोजन पक्ष को राज्य की याचिका पर कुछ बिंदुओं पर बहस करने की अनुमति दी थी। न्यायाधीश ने कहा कि अगली सुनवाई की तारीख पर फैसला सुनाया जाएगा।

अभियोजन पक्ष ने कुछ बिंदुओं पर बहस करने के लिए अदालत से अनुमति मांगी थी, जिसके बारे में उसने दावा किया कि ये ‘‘मामले के न्यायपूर्ण निर्णय के लिए आवशय़क हैं।’’ उसने कहा कि ये दलीलें बचाव पक्ष के वकील द्वारा आठ जनवरी, 2025 को कुछ मुद्दों पर की गई दलीलों के जवाब में थीं।

यह मामला सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार इलाके में दो व्यक्तियों की हत्या से जुड़ा है। अदालत ने एक नवंबर, 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या के मामले में अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शुरू में पंजाबी बाग थाने ने मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल ने जांच अपने हाथ में ले ली। 16 दिसंबर, 2021 को अदालत ने कुमार के खिलाफ आरोप तय किए और उनके खिलाफ ‘‘प्रथम दृष्टया’’ मामला पाया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, हथियारों से लैस बड़ी भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी और सिखों की संपत्ति को नष्ट किया था।

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि भीड़ ने शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी के घर पर हमला किया, उसके पति और बेटे की हत्या कर दी, तथा सामान लूट लिया एवं उनके घर में आग लगा दी।

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