संसद भवन से गांधी, अंबेडकर और शिवाजी की मूर्ति हटाने पर भड़की कांग्रेस

उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र के लोगों से बदला लेने के लिए संसद भवन परिसर से शिवाजी की मूर्ति हटाई गई है। ये सब खीझ निकालने के लिए किया गया है क्योंकि

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने संसद भवन परिसर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ बी आर अंबेडकर तथा छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति हटाने को लेकर सरकार पर कड़ा हमला करते हुए कहा है कि उसने महाराष्ट्र में मिली हार का बदला लेने के लिए यह कदम उठाया है।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संसद भवन परिसर से मूर्तियों का हटाना महाराष्ट्र की जनता से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को वोट नहीं देने का बदला निकालना है। गांधीजी, डॉ अंबेडकर और शिवाजी महाराज की मूर्ति हटाने को लेकर सरकार जो भी तर्क दे, लेकिन असलियत यह है कि उसने महाराष्ट्र के लोगों से बदला लेने के लिए यह कदम उठाया है। उनका कहना था कि सरकार को इस मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए।

उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के लोगों से बदला लेने के लिए संसद भवन परिसर से शिवाजी की मूर्ति हटाई गई है। ये सब खीझ निकालने के लिए किया गया है क्योंकि जब नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांधी फिल्म आने से पहले गांधी जी को कोई नहीं जानता था तो जनता ने जवाब दिया तो गांधी जी की प्रतिमा हटा दी। हमने चुनावों में संविधान को बचाने की मुहिम छेड़ी तो खीझ निकलने के लिए अंबेडकर की मूर्ति को कहीं पीछे धकेल दिया। महाराष्ट्र की जनता ने जब चुनावों में करारा जवाब दिया, तो बदला लेने के लिए शिवाजी महाराज जी की मूर्ति हटा दी।”

उन्होंने कहा, “संसद भवन परिसर की विरासत विशेषता के रखरखाव और विकास पर तथा संसद भवन परिसर में राष्ट्रीय नेताओं और सांसदों के चित्र एवं प्रतिमाओं की स्थापना पर दो कमेटियां बनी थीं लेकिन हैरानी की बात है कि पोर्टरेट स्टेचू कमेटी की आखिरी मीटिंग 18 दिसंबर 2018 को हुई। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कल जब यह मुद्दा उठाया तो सरकार की तरफ से झूठ बोला जाता है कि राजनीतिक दलों से बात हुई थी जबकि किसी राजनीतिक दल से कोई बात नहीं हुई। ऐसे में भाजपा देश की जनता को स्पष्टीकरण दे कि महान विभूतियों की मूर्ति को हटाने के पीछे मंशा क्या है।”

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