नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को 15 इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के स्तर को पार कर गया। वायु प्रदूषण से राजधानी वासियों को अभी कोई राहत नजर नहीं आ रही है। राजधानी के कई इलाकों में हवा में प्रदूषण स्तर ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच जाने से स्वास्थ्य के लिये खतरनाक साबित हो रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आज सुबह सात बजे के आंकड़ों के अनुसार राजधानी के बबाना इलाके में सबसे अधिक सूचकांक 440 तक पहुंच गया। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाये जाने के कारण दिल्ली में सुबह धुंध की मोटी परत छायी रही।
राजधानी में आज उच्चतम वायु गुणवत्ता सूचकांक 440 तक पहुंच गया, जबकि औसत आंकड़ा 383 दर्ज किया गया। गुरुवार को दिल्ली में यह सूचकांक 366 था, जो शाम चार बजे बढ़कर 377 तक पहुंच गया था।
दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक इस प्रकार रहा — अलीपुर में 397, आनंद विहार में 415, अशोक विहार में 418, बवाना में 440, चांदनी चौक में 290, डीटीयू में 411, डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 400, द्वारका-सेक्टर-8 में 391, आईटीओ में 349, जहांगीरपुरी में 437, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 367, लोधी रोड में 192, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 399 मुंडका में 428, नजफगढ़ में 374, नरेला में 404, नेहरू नगर में 413, न्यू मोती बाग में 427, ओखला फेज-2 में 398, पटपड़गंज में 402, पंजाबी बाग में 406, आरके पुरम में 406, रोहिणी में 439, सिरीफोर्ट में 398, विवेक विहार में 414 और वजीरपुर 434 रही।
गौरतलब है कि 200 से 300 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक को खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब, 401 से 450 के बीच गंभीर और 450 से अधिक को अति गंभीर माना जाता है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और पराली जलाने की घटनाओं के मामले में संशोधित पर्यावरणीय मुआवजा लगाने को सुनिश्चित करने के आदेश जारी किये हैं।