नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के शनिवार दोपहर एक बजे तक आए नतीजों और रुझानों से आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं ने दो राष्ट्रीय पार्टियों बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की तुलना में ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) के विकल्प को प्राथमिकता दी। चुनाव आयोग की ओर से दोपहर के समय जारी आंकड़ों से पता चला कि नोटा के विकल्प को 0.57 प्रतिशत मतदाताओं ने वरीयता दी, जबकि बहुजन समाज पार्टी को 0.55 प्रतिशत और माकपा को 0.01 प्रतिशत वोट मिले। बसपा और माकपा दोनों ही मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टियां हैं। कांग्रेस, भाजपा, आप और नेशनल पीपुल्स पार्टी अन्य मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं। आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और जनता दल (यूनाइटेड) को क्रमश: 0.01 प्रतिशत और 0.53 फीसदी वोट मिले।