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बुल्डोजर एक्शन को लेकर आमने सामने हुए BJP विधायक और DDA अधिकारी, जानिए फिर क्या हुआ?

MLA Ravinder Negi : पूर्वी दिल्ली जिला के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मयूर विहार फेस-1 यमुना खादर में शुक्रवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की टीम पहुंची है। यह टीम यमुना किनारे की ग्रीन बेल्ट को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पहुंची है। इसकी सूचना मिलने पर पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रविंदर सिंह नेगी भी मौके पर पहुंचे।

भाजपा विधायक ने डीडीए की टीम के यहां पहुंचने पर कहा कि डीडीए की टीम हाईकोर्ट के आदेश के कारण यहां पहुंची है। हाईकोर्ट ने 2019 से लागू अपने आदेश में निर्देश दिया है कि यमुना किनारे की ग्रीन बेल्ट को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त किया जाए। उन्होंने बताया कि कई वर्षों से लोग इस क्षेत्र में रह रहे हैं और खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

विधायक ने आगे कहा कि हमने हाईकोर्ट से अपील की है कि इन लोगों को कुछ दिनों की मोहलत दी जाए। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हर्ष मल्होत्रा से भी गुहार लगाई है कि जब तक इन लोगों की फसल खड़ी है और उनके लिए कोई योजना नहीं बनती, तब तक इन्हें यहां रहने की अनुमति दी जाए। इनकी फसलों को भी कोई नुकसान न पहुंचाया जाए। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे उपराज्यपाल से इस मुद्दे पर बात करेंगे, जिसके बाद कोई निश्चित फैसला लिया जाएगा।

रविंदर सिंह नेगी ने कहा, ‘मैं इस क्षेत्र का विधायक हूं और पूरी कोशिश करूंगा कि आज इन लोगों पर कोई कार्रवाई न हो और बुलडोजर न चले। जनता ने मुझे चुनकर विधायक बनाया है और उनकी रक्षा करना मेरा परम कर्तव्य है।‘

बता दें कि डीडीए की टीम द्वारा गुरुवार देर रात पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा इलाके में आने वाले मयूर विहार फेस-2 में 40 साल पुराने मंदिर को तोड़ने की कार्रवाई भी की जा रही थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने ये कार्रवाई की। हालांकि, मंदिरों को तोड़ा नहीं गया, क्योंकि पटपड़गंज विधायक रविंदर सिंह नेगी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने इस कार्रवाई को रुकवाने में अहम भूमिका निभाई।

रविंदर सिंह नेगी ने कहा था कि हाईकोर्ट ने ग्रीन बेल्ट को अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए थे, जिसके तहत 2015 से लेकर 2024 तक तीन-चार बार नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन इस बार बिना किसी पूर्व सूचना के, रात तीन बजे पुलिस बल और डीडीए के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और मंदिर को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस दौरान एडिशनल डीसीपी, एसीपी, एसएचओ सहित पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची थी।

घटनास्थल पर मौजूद नेगी ने आगे बताया कि यह कार्रवाई रोकने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से संपर्क किया और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी थी। मुख्यमंत्री ने इस पर तत्काल संज्ञान लिया और उपराज्यपाल को इस कार्रवाई को रुकवाने के लिए कहा। इसके बाद विध्वंस की प्रक्रिया को रोक दिया गया और पुलिस तथा डीडीए के अधिकारी घटनास्थल से वापस लौट गए।

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