नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हुए भव्य महाकुंभ की सफलता पर बोल रहे थे। लेकिन, विपक्षी सांसदों ने पीएम मोदी के भाषण के दौरान आपत्ति जताई। विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा भी किया। सदन से बाहर निकलने के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने महाकुंभ भगदड़ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि नहीं दी। विपक्ष को बोलने नहीं दिया गया। राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा सांसदों की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि लोकसभा में पीएम मोदी ने महाकुंभ को लेकर सब कुछ कहा, लेकिन राहुल गांधी को कुछ भी समझ में नहीं आया। अब मैं उनकी समझ के बारे में क्या कह सकता हूं।
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि महाकुंभ की व्यवस्थाएं वाकई उल्लेखनीय थीं, जिससे दुनिया को संदेश गया कि इतना बड़ा समागम बिना किसी समस्या के सुचारू रूप से संपन्न हुआ। इन बेहतरीन व्यवस्थाओं के बावजूद विपक्ष कुछ दुर्भाग्यपूर्ण होने की तलाश में रहा। महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। एक घटना को छोड़ दिया जाए तो किसी को कोई समस्या नहीं हुई। राहुल गांधी को सनातन से दुश्मनी है। वह कुंभ में नहीं गए। अयोध्या से गुजरते हैं लेकिन राम मंदिर नहीं जाते हैं। राहुल गांधी बताएं कि वह होली क्यों नहीं खेलते हैं। पीएम मोदी जब कुंभ के बारे में कुछ बता रहे हैं तो राहुल गांधी को जलन होना स्वाभाविक है।
केंद्रीय राज्य मंत्री बी एल वर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ने आज सदन को संबोधित किया और कुंभ मेले पर बयान दिया, जो न केवल देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए था, जिसमें दुनिया भर से आए अनगिनत श्रद्धालु भी शामिल थे। मेरा मानना ??है कि उनके शब्द उन सभी के लिए कृतज्ञता के संदेश के रूप में काम करते हैं। इस तरह का मेला कभी पहले नहीं हुआ था। सनातन की एकता को पूरे दुनिया ने देखा है। मेले की सफलता के पीछे कड़ी मेहनत करने वाले लोगों के प्रति भी पीएम मोदी ने आभार जताया है।
लेकिन, राहुल गांधी सदन की गरिमा का ध्यान नहीं रखते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि सदन गरिमा के साथ चलती है, लेकिन जब विपक्षी नेता अपनी सीमाओं से परे जाते हैं, तो यह चिंता का विषय है। मेरा मानना ??है कि राहुल गांधी को विपक्षी दलों के अन्य सांसदों द्वारा सलाह देनी चाहिए कि कैसे सदन की गरिमा का ध्यान रखना है।