Apra Ekadashi vrat 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार जेठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी का विशेष महत्व है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। वर्ष 2025 में यह एकादशी मई माह में पड़ रही है और इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं। आपको बता दें कि अपरा एकादशी का व्रत 23 मई दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। यह दिन अध्यात्म और पुण्य प्राप्ति के लिए बहुत शुभ माना जाता है। भक्ति और विधिपूर्वक किया गया व्रत और पूजन भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है।
कब रखा जाएगा अपरा एकादशी का व्रत?
पंचांग के अनुसार, अपरा एकादशी की तिथि की शुरुआत 22 मई 2025 को रात 1:13 बजे से होगी और इसका समापन 23 मई को रात 11:30 बजे पर होगा। इस गणना के आधार पर व्रत 23 मई, शुक्रवार को रखा जाएगा।
अपरा एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को गंभीर पापों – यहां तक कि ब्रह्म हत्या जैसे पाप से भी मुक्ति मिलती है। यह व्रत जीवन में आध्यात्मिक शुद्धता, धन-वैभव, और सुख-शांति प्रदान करता है।
अपरा एकादशी 2025: इस दिन बन रहे हैं खास योग
इस दिन दो शुभ योग बन रहे हैं:
आयुष्मान योग – जो दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है।
प्रीति योग – जो प्रेम, सौहार्द और अच्छे संबंधों के लिए शुभ होता है।
साथ ही, बुध ग्रह का वृषभ राशि में गोचर होने से बुधादित्य राजयोग भी बन रहा है, जो बुद्धिमत्ता और समृद्धि का प्रतीक है।
अपरा एकादशी व्रत की पूजा विधि
1. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. सूर्य देव को जल अर्पित करें।
3. पूजा स्थल को साफ कर एक लकड़ी की चौकी पर पीले वस्त्र बिछाएं।
4. चौकी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
5. भगवान विष्णु का अभिषेक करें और उन्हें फल, फूल और तुलसी अर्पित करें।
6. मीठे का भोग लगाएं और एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
7. अंत में विष्णु जी और मां लक्ष्मी की आरती कर प्रसाद वितरण करें।