क्या घर में पढ़ी जा सकती है जुमे और ईद की नमाज, जानिए इससे जुड़े कुछ खास नियम

रमजान के बाद ईद का त्यौहार मनाया जाता है। रमजान के पाक महीने में 4 जुमे होते हैं। जुमे और ईद की नमाज़ को बाउट ही खास माना जाता है। बहुत से लोग जो मस्जिद नहीं जा पाते वह घर पर ही नमाज़ अदा कर सकते है। लेकिन क्या आप जानते है कि ईद की.

रमजान के बाद ईद का त्यौहार मनाया जाता है। रमजान के पाक महीने में 4 जुमे होते हैं। जुमे और ईद की नमाज़ को बाउट ही खास माना जाता है। बहुत से लोग जो मस्जिद नहीं जा पाते वह घर पर ही नमाज़ अदा कर सकते है। लेकिन क्या आप जानते है कि ईद की नमाज घर में नहीं पढ़ी जा सकती है। आइए जानते है इससे जुड़ी कुछ खास बातें:

ईद की नमाज घर पर पढ़ी जा सकती है या नहीं?
जुमे और ईद की नमाज घर पर अदा नहीं की जा सकती. जुमा और ईद की नमाज सिर्फ जमात के साथ अदा की जा सकती है. जुमे के दिन भी अगर जमात न मिले तो जोहर की नमाज पढ़ी जाएगी. ईद के लिए जमात के साथ पढ़ना शर्त है और घर से बाहर निकलना शर्त है. ईद पर किसी को जमात के साथ नमाज पढ़ने से रोक नहीं सकते. अगर सिक्योरिटी का पॉइंट हो तो बात अलग है. अगर किसी वजह से जुमा और ईद की नमाज जमात के साथ न पढ़ी जाए तो वह सिर्फ जोहर की नमाज कहलाएगी और ईद की नमाज तो होगी ही नहीं.

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