सावधान! देवी देवताओं ने दिए कड़े निर्देश, इस झील में स्नान करना लोगों के लिए होगा खतरनाक

देश में इस साल बीस भादो का महीना 20 अगस्त से शुरू होकर 18 सितंबर को खत्म होगा।

कुल्लू: हमारे देश में कई ऐसी जगहें है जो अपनी विशेष कहानी की वजह से प्रसिद्द होतीं है। ऐसी ही एक जगह मंडी और कांगड़ा के पर्वतीय क्षेत्रों को जोड़ने वाली एक झील है। जो डायनासोर झील के नाम से बहुत प्रसिद्द है। इसके बारे में जिला मंडी की चौहार घाटी और जिला कांगड़ा के भंगाल इलाके के देवी देवताओं ने निर्देश जारी किए हैं। जिससे इंसान इस झील की पवित्रता को बनाए रखें।

अगर उसके बाद भी कोई मानव देव आदेश की अवहेलना करता है तो इसके खतरनाक परिणाम भुगतने को मिलते है। जैसे कि आप जानतें हैं आपको बता दे कि, इस साल भी 20 भादो का पवित्र स्नान नहीं होगा।  लग घाटी की प्रसिद्ध देवी माता फुंगनी के कारदार ठाकुर रामलाल ने बताया कि इससे पहले भी देवी देवताओं ने डायनासोर झील में स्नान करने पर रोक लगाई है। लेकिन उसके बाद भी कुछ लोग देव आदेश की अवहेलना कर रहे हैं।

इस साल भी सभी लोगों से आग्रह करते हैं कि वे देव नियमों का पालन करें। क्योंकि डायनासोर झील देवी देवताओं की एक पवित्र झील है और लोग वहां पर जाकर गंदगी फैला रहे हैं। जिससे देवी देवता भी काफी नाराज हैं। ठाकुर रामलाल ने बताया कि इस झील का इतिहास भगवान शिव के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि किसी समय यहां पर एक डायन का राज हुआ करता था। जब भगवान शिव मणिमहेश जाते हुए इस स्थान पर रुके।

तो डायन ने उन्हें युद्ध के लिए ललकारा और भगवान शिव ने इस पूरे इलाके को डायन के आतंक से मुक्ति दिलाई। उन्होंने बताया कि इस पवित्र झील में देवी दवता स्नान करते हैं। लेकिन कुछ समय से लोग इस झील में जाकर स्नान कर रहे हैं और वहां पर गंदगी भी फैला रहे हैं। ऐसे में देवी देवताओं ने एक बार फिर से अपना आदेश जारी किया और कहा है कि अगर इंसान इसी तरह से देव आदेश की अवहेलना करता रहा। तो आने वाले समय में मानव को इसके खतरनाक परिणाम भी भुगतने होंगे।

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