शिवरात्रि पर कैथल के ग्यारह रुद्री शिव मंदिर में उमड़ा भक्तों का जन सैलाब

कैथल। हरियाणा के कैथल में शिवरात्रि के अवसर पर शुक्रवार को ग्यारह रुद्री शिव मंदिर में भक्तों की आस्था का जबरदस्त सैलाब उमड़ा। भक्त रात से ही भगवान के दर्शन के लिए लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। हरिद्वार से गंगाजल लेकर आ रहे कांवड़ियों की आस्था मंदिर परिसर में देखते ही.

कैथल। हरियाणा के कैथल में शिवरात्रि के अवसर पर शुक्रवार को ग्यारह रुद्री शिव मंदिर में भक्तों की आस्था का जबरदस्त सैलाब उमड़ा। भक्त रात से ही भगवान के दर्शन के लिए लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। हरिद्वार से गंगाजल लेकर आ रहे कांवड़ियों की आस्था मंदिर परिसर में देखते ही बनती है। भगवान शिव के जयकारों की गूंज के साथ कांवड़िये भगवान के दर्शन कर रहे हैं।

मंदिर में आए श्रद्धालु शीशपाल कहते हैं, ‘‘यहां आकर बहुत अच्छा लगता है। हम हर साल सावन भर मंदिर में आते हैं। सावन में इस मंदिर का विशेष महत्व है।’’ एक और भक्त कहते हैं कि मंदिर में आकर बड़ा ही सुकून मिलता है। भगवान शिव की आराधना से यश, वैभव और कीर्त िमिलती है। खासकर सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि में भगवान की भक्ति करना सबसे ज्यादा पुनीत होता है।

मंदिर के पुजारी मुनेंद्र मिश्र ने कहा, ‘‘यह मंदिर महाभारत कालीन है। पूरे विश्व में ग्यारह रुद्री मंदिर अकेले हमारे यहां है, जिसकी स्थापना भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर के हाथों करवाई थी। यह सावन का महीना भगवान शंकर को अति प्रिय है। चातुर्मास के चार महीनों के समय भगवान विष्णु शयन करते हैं। इन चार महीनों में विश्व संचालन का कार्य भगवान शंकर के कंधों पर होता है। इस महीने की तीस की तीस तिथियां बड़ी ही पवित्र मानी गई हैं।’’

मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने श्री ग्यारह रुद्री शिव मंदिर में शिव के 11 रूपों की स्थापना युधिष्ठिर से करवाई थी। अजरुन ने इसी मंदिर के पास तपस्या करके भगवान शिव से पाशुपता प्राप्त किया था।

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