नेशनल डेस्क : हमारे मन में अकसर एक सवाल पैदा होता है कि, हिंदू नववर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर (या ग्रेगोरियन कैलेंडर) में इतना फर्क क्यों होता है। इस सवाल का उत्तर इन दोनों कैलेंडरों की गणना, उनके खगोलीय सिद्धांत और परंपराओं में छिपा हुआ है। हिंदू नव वर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर (जिसे ग्रेगोरियन कैलेंडर भी कहा जाता है) के बीच फर्क इसलिये है क्योंकि इन दोनों कैलेंडरों की शुरुआत अलग-अलग पद्धतियों और परंपराओं पर आधारित है। आइए जानते हैं इन दोनों कैलेंडरों के बीच का अंतर विस्तार से…
2. हिंदू नव वर्ष (विविधताएँ)
हिंदू कैलेंडर की बात करें तो वह चंद्रमा की गति (मूल रूप से चंद्र माह) पर आधारित होता है। हिंदू कैलेंडर में कुछ प्रमुख बदलाव होते हैं, और भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग समय पर हिंदू नववर्ष मनाया जाता है।
हिंदू नव वर्ष के प्रमुख प्रकार
3. मुख्य फर्क (मुख्य कारण)
संस्कृतिक और धार्मिक कारण
हिंदू नववर्ष का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है क्योंकि यह मौसम के बदलाव, नई फसल के आगमन और जीवन के नए चक्र का प्रतीक होता है। वहीं, अंग्रेजी कैलेंडर अधिकतर सांस्कृतिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से अधिक प्रचलित है, जबकि हिंदू नववर्ष का महत्व विशेष रूप से धर्म और परंपराओं से जुड़ा हुआ है। हिंदू नववर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर के बीच मुख्य अंतर इस बात में है कि एक सौर आधारित है और दूसरा चंद्र आधारित। अंग्रेजी कैलेंडर में 1 जनवरी को नववर्ष मनाया जाता है, जबकि हिंदू नववर्ष की तारीख हर साल अलग-अलग हो सकती है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर यह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। दोनों के बीच का फर्क हमारी परंपरा, संस्कृति और कैलेंडर की गणना की विधि से आता है।