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कैलेंडर दो, दुनिया एक ! अंग्रेजी कैलेंडर और हिंदू नव वर्ष में फर्क क्यों, जानिए विस्तार से…

नेशनल डेस्क :  हमारे मन में अकसर एक सवाल पैदा होता है कि, हिंदू नववर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर (या ग्रेगोरियन कैलेंडर) में इतना फर्क क्यों होता है। इस सवाल का उत्तर इन दोनों कैलेंडरों की गणना, उनके खगोलीय सिद्धांत और परंपराओं में छिपा हुआ है। हिंदू नव वर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर (जिसे ग्रेगोरियन कैलेंडर भी.

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नेशनल डेस्क :  हमारे मन में अकसर एक सवाल पैदा होता है कि, हिंदू नववर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर (या ग्रेगोरियन कैलेंडर) में इतना फर्क क्यों होता है। इस सवाल का उत्तर इन दोनों कैलेंडरों की गणना, उनके खगोलीय सिद्धांत और परंपराओं में छिपा हुआ है। हिंदू नव वर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर (जिसे ग्रेगोरियन कैलेंडर भी कहा जाता है) के बीच फर्क इसलिये है क्योंकि इन दोनों कैलेंडरों की शुरुआत अलग-अलग पद्धतियों और परंपराओं पर आधारित है। आइए जानते हैं इन दोनों कैलेंडरों के बीच का अंतर विस्तार से…

  1. अंग्रेजी कैलेंडर (ग्रेगोरियन कैलेंडर)
  • प्रारंभ: अंग्रेजी कैलेंडर या ग्रेगोरियन कैलेंडर, दुनिया में सबसे आम रूप से उपयोग होने वाला कैलेंडर है। इसकी शुरुआत ईसाई धर्म के प्रमुख पर्व ‘क्रिसमस’ के आसपास हुई थी। इसे पोप ग्रेगोरी XIII ने 1582 में लागू किया था। इस कैलेंडर में साल का पहला दिन 1 जनवरी होता है।

 

  • संचालन: यह कैलेंडर सौर आधारित है, मतलब यह पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने की गति (365.24 दिन) पर आधारित है। इस कैलेंडर में एक वर्ष में 365 दिन होते हैं, और हर चौथे वर्ष को लीप वर्ष कहा जाता है जिसमें 366 दिन होते हैं।

 

  • नई शुरुआत: इस कैलेंडर में नया साल 1 जनवरी से शुरू होता है, जो पूरी दुनिया में आम तौर पर मनाया जाता है।

2. हिंदू नव वर्ष (विविधताएँ)

हिंदू कैलेंडर की बात करें तो वह चंद्रमा की गति (मूल रूप से चंद्र माह) पर आधारित होता है। हिंदू कैलेंडर में कुछ प्रमुख बदलाव होते हैं, और भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग समय पर हिंदू नववर्ष मनाया जाता है।

हिंदू नव वर्ष के प्रमुख प्रकार

  • चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (चैत्र माह): हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हिंदू नव वर्ष चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है, जो आम तौर पर मार्च-अप्रैल में आता है। यह दिन राम नवमी और हिंदू नए साल के रूप में मनाया जाता है।

 

  • विषु: दक्षिण भारत में खासकर केरल में, विषु के दिन हिंदू नववर्ष मनाया जाता है, जो अप्रैल में आता है।

 

  • बाहुला पद्धति: गुजराती समुदाय में वसुबरस और नव वर्ष का पर्व दीपावली के बाद मनाया जाता है, जो अक्टूबर-नवंबर में होता है।

 

  • नवसंवत्सर: महाराष्ट्र में नवसंवत्सर हिंदू नव वर्ष के रूप में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है।

 

3. मुख्य फर्क (मुख्य कारण)

संस्कृतिक और धार्मिक कारण

हिंदू नववर्ष का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है क्योंकि यह मौसम के बदलाव, नई फसल के आगमन और जीवन के नए चक्र का प्रतीक होता है। वहीं, अंग्रेजी कैलेंडर अधिकतर सांस्कृतिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से अधिक प्रचलित है, जबकि हिंदू नववर्ष का महत्व विशेष रूप से धर्म और परंपराओं से जुड़ा हुआ है। हिंदू नववर्ष और अंग्रेजी कैलेंडर के बीच मुख्य अंतर इस बात में है कि एक सौर आधारित है और दूसरा चंद्र आधारित। अंग्रेजी कैलेंडर में 1 जनवरी को नववर्ष मनाया जाता है, जबकि हिंदू नववर्ष की तारीख हर साल अलग-अलग हो सकती है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर यह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। दोनों के बीच का फर्क हमारी परंपरा, संस्कृति और कैलेंडर की गणना की विधि से आता है।

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