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Hariyali Teej 2024 : अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं रखती हैं तीज का व्रत, जानें कुछ अचूक उपाय

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत बड़े ही जोरो-शोरों से मनाया जाता है। इस हरियाली तीज को श्रावणी तीज भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए इस तीज व्रत को करवा चौथ व्रत के समान फलदायक माना जाता है। यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव के मिलन के स्वरूप के रूप में मनाया जाता है।

माता पार्वती को ही तिजा माता भी कहा जाता है। आपको बता दें कि,इस दिन सुहागिनें अपने पति की लम्बी आयु के लिए और अच्छी सेहत के लिए व्रत करती है। इसी के साथ ही कुंवारी कन्याएं भी व्रत को करती हैं। मान्यता है कि, कुंवारी कन्याओं के इस व्रत को करने से योग्य वर की प्राप्ति होती है। इस दिन सुहागन महिलाओं को ससुराल से सुहाग का सामान कपड़े चूड़ी तथा श्रृंगार की वस्तु आदि उपहार में मिलतीं है।

पूजा के समय व्रत रखने वाली महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए हरी साड़ी, सिंदूर,हरी चूड़ीयां सहित अन्य सुहाग का सामान सास या जेठानी को देकर आशीर्वाद प्राप्त करती है। दिनभर व्रत रखकर सायं काल के प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और चंद्रमा की पूजा की जाती है।

हरियाली तीज पर जरूर करें ये कुछ खास उपाय:

1.वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और प्रेम बढ़ाने के लिए उपाय:

महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन व्रत रखें, और प्रदोष काल में सम्पूर्ण श्रृंगार करने के बाद किसी शिव मंदिर में जाकर घी का एक चौमुखी दीपक जलाएं। भगवान शिव को चंदन का तिलक और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इसी के साथ ही “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। माता पार्वती को अर्पित की गई चूड़ियों को प्रसाद के रूप में अपने साथ वापस ले आएं।

2.मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए उपाय:

हरियाली तीज के दिन कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए पूजा अर्चना के दौरान इस खास मंत्र का 108 बार जाप करें।

“हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।”

3.विवाह संबंधी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उपाय:

तीज के दिन विवाह संबंधी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए, शाम की पूजा अर्चना के दौरान इस खास मंत्र का 11 रुद्राक्ष की माला से जाप करना चाहिए।

‘हे गौरीशंकर अर्धांगी, यथा त्वां शंकर प्रिया तथा माम कुरु कल्याणी, कान्ताकांता सुदुर्लभाम’

 

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