Hukamnama : बिलावलु महला ५ ॥ मात पिता सुत साथि न माइआ ॥ साधसंगि सभु दूखु मिटाइआ ॥१॥ रवि रहिआ प्रभु सभ महि आपे ॥ हरि जपु रसना दुखु न विआपे ॥१॥ रहाउ ॥ तिखा भूख बहु तपति विआपिआ ॥ सीतल भए हरि हरि जसु जापिआ ॥२॥
Hukamnama अर्थ : हे भाई! माँ, बाप, पुत्र, माया-(इन सब में से कोई भी जीव का सदा के लिए)साथ नहीं बन सकता, (दुःख आने पर भी सहाई नहीं बन सकता)। गुरु की सांगत में टिकाव कर के सारा दुःख-कलेश दूर कर सकतें हैं॥१॥ हेई भाई!(जो ) परमात्मा खुद ही सब जीवों में व्यापक है, उस(के नाम) का जाप जिव्हा से करता रह, इस प्रकार कोई दुःख जोर नहीं पकड़ सकता॥१॥रहाउ॥ हे भाई! जगत माया की तृष्णा, माया की भूख और सडन में फसा पड़ा है। जो मनुख परमात्मा की सिफत-सलाह करते है, (उनके हृदये) ठन्डे ठार हो जाते हैं॥२॥