Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 2 जनवरी 2023

वडहंसु महला ४ ॥ हरि सतिगुर हरि सतिगुर मेलि हरि सतिगुर चरण हम भाइआ राम ॥ तिमर अगिआनु गवाइआ गुर गिआनु अंजनु गुरि पाइआ राम ॥ गुर गिआन अंजनु सतिगुरू पाइआ अगिआन अंधेर बिनासे ॥ सतिगुर सेवि परम पदु पाइआ हरि जपिआ सास गिरासे ॥ जिन कंउ हरि प्रभि किरपा धारी ते सतिगुर सेवा लाइआ ॥ हरि सतिगुर हरि सतिगुर मेलि हरि सतिगुर चरण हम भाइआ ॥१॥

हे हरी! मुझे गुरु के चरणों में रखो, मुझे गुरु के चरणों में रखो। गुरु के चरण मुझे प्यारे लगते हैं। (जिस मनुख ने) गुरु के द्वारा आत्मिक जीवन की समझ (का) काजल हासिल कर लिया, (उस ने अपने अंदर से) आत्मिक जीवन की बेसमझी (का) अंधकार दूर कर लिया। जिस मनुखने गुरु से ज्ञान का सुरमा ले लिया उस मनुख के अज्ञान के अंधरे नास हो जाते हैं। गुरु की बताई सेवा कर के वह मनुख सब से उच्चा आत्मिक दर्जा हासिल कर लेता है, वह मनुख हरेक सांस के साथ सरक कोर के साथ परमात्मा का नाम जपता रहता है। हे भाई! हरी-प्रभु ने जिस मनुख ऊपर कृपा की , उनको हरी ने परमात्मा की सेवा में जोड़ दिया। हे हरी! मुझे गुरु के चरणों में रख, गुरु के चरणों में रखो। गुरु के चरण मुझे प्यारे लगते हैं।

Exit mobile version