सुलतानपुर: उतर प्रदेश के सुलतानपुर जिले की ऐतिहासिक दुर्गापूजा महोत्सव में नगर क्षेत्र की करीब 150 से अधिक दुर्गा प्रतिमाओ की भव्य शोभायात्रा रविवार भाेर में एक बार फिर शुरू हुई। शोभायात्रा को शनिवार शाम जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्स्ना व पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, किंतु चन्द्र ग्रहण के कारण सभी दुर्गा प्रतिमाएं ढक गयीं थीं। चंद्र ग्रहण के बाद भोर में पुनः शोभा यात्रा प्रारंभ हुई और देर शाम सीताकुण्ड घाट पर विसर्जन शुरू हुआ, जिसके सोमवार को दोपहर तक सम्पन्न होने की उम्मीद है।
जिले की ऐतिहासिक दुर्गापूजा महोत्सव की प्रथम प्रतिमा ठठेरी बाजार की बड़ी दुर्गा माता की जिलाधिकारीव पुलिस अधीक्षक ने विधिवत पूजा अर्चना की और इसके बाद शोभा यात्रा का प्रारम्भ हुआ। चन्द्र ग्रहण के चलते शोभायात्रा रुक गयी और सभी प्रतिमाओं पर पट लग गए। भोर में करीब चार बजे यात्रा प्रारंभ हुई और परंपरानुसार ठठेरी बाजार चौराहे पर दुर्गामाता और काली माता का आकर्षक मिलन कार्यक्रम हुआ। शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गों को पूर्ण कर करीब 3 किलोमीटर के लम्बे रास्ते में नगरवासी जगह जगह पर पूजा-अर्चना कर स्वागत किया।
अत्याधुनिक बिजली संयन्त्रों के भव्य प्रकाश के बीच माँ दुर्गे की मनोहारी रूप शांति व समृधि का सन्देश दे रही है। शोभायात्रा के दौरान इलाहबाद, मथुरा व दिल्ली से स्वचालित झाँकियो व रंगकर्मियो की प्रस्तुति को देखने के लिए जनमानस उमड़ पड़ा है। झांकियों पर कलाकारों के द्वारा रावण बध, शिव तांडव व काली तांडव की प्रस्तुति ने दर्शको को मनमुग्ध कर दिया। पूजा समितियो के कार्यकर्ता बैंड व डी.जे से देवी गीत की धुनों पर मस्त नृत्य कर रहे रहे हैं। करीब 36 घंटे तक चलने वाली शोभा यात्रा के प्रत्येक प्रतिमा को कतारबद्ध होने के लिए केंद्रीय पूजा समिति के चौक क्षेत्र में नंबर देकर दुर्गा प्रतिमाओं की झलकियों को क्रमबद्ध करने में लगा रहा।
मां भवानी की शोभा यात्रा धूमधाम से विसर्जन स्थल सीता कुण्ड की ओर बढने लगी है। विसर्जन स्थल पर माँ को अंतिम विदाई देने पहुंचे श्रद्धालुओ में उल्लास के साथ आंखे नम हो गयी। विसर्जन स्थल पर बड़ी संख्या में पीएसी बल, पुलिस बल, प्रशासनिक अधिकारी व जल पुलिस तैनात है। केंद्रीय पूजा व्यवस्था समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश पाण्डेय उर्फ बजरंगी व महामंत्री सुनील कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सुलतानपुर जिले में दुर्गामहोत्सव की सात दशक पूर्व की अनूठी परंपरा आज भी कायम है। नवरात्र की सप्तमी तिथि से शुरू होने वाले दुर्गामहोत्सव का समापन शरद पूर्णिमा को होता है।
रविवार को विसर्जन शोभयात्रा प्रारम्भ होकर आज देर शाम तक पहली दुर्गा प्रतिमा के घाट पर पहुंच गई और विसर्जन प्रारम्भ हो गया। यह विसर्जन अगले 12 से 20 घंटे तक होने को उम्मीद हैं। इस दौरान भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ, रेड क्रॉस आदि ने की ओर से निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाकर श्रद्धालुओ की सहायता की। इसी तरह जगह जगह भंडारों का प्रसाद भी भक्तों ने लिया। दुर्गापूजा में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को खाने पीने की चिंता नही करनी पड़ती। भंडारों में भर पेट भोजन प्रसाद मिलता है।