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आज बुद्ध पूर्णिमा पर जानिए भगवान बुद्ध जी के विचारों के बारे में

आज 5 मई को दुनियाभर में बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। बौद्ध धर्म को मानने वालों के लिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान और मृत्यु का प्रतीक दिवस माना जाता है। भगवान बुद्ध जी ने दुनिया को करुणा और सहिष्णुता र चलने की शिक्षा दी। आइए जानते है भगवन बुद्ध जी के कुछ विचारों के बारे में:

– ना तो आप खुद के बारे में बढ़ा चढ़ाकर बोलें और ना ही दूसरों से ईर्ष्या करें.’ भगवान बुद्ध ने सरल जीवन जीने की बात कही है. उन्‍होंने कहा है कि ना तो हमें अपने बारे में अधिक बढ़ा चढ़ाकर बात करनी चाहिए, इससे दूसरों के मन में ईर्ष्‍या जन्‍म ले सकती है, और ना ही दूसरों की अच्‍छाई को देखकर अपने मन में ईर्ष्‍या की भावना को लाना चाहिए.

– अपने मोक्ष के लिए खुद प्रयत्न करें, दूसरों पर निर्भर ना रहें.’ महात्‍मा बुद्ध ने अपने जीवन में दूसरों पर निर्भरता को अस्‍वीकार करते हुए कहा है कि अपने मोक्ष के लिए भी इंसान को खुद ही प्रयत्‍न करना चाहिए, ना कि दूसरों पर इसके लिए निर्भर रहना चाहिए.

– घृणा को तो केवल प्रेम के सहारे ही समाप्त किया जा सकता है, यह एक अटूट सत्य है.’ आध्‍यात्मिक गुरू गौतम बुद्ध ने कहा है कि मन से अगर घृणा को समाप्‍त करना है तो इसका एक मात्र उपाय प्रेम है. यह एक अटूट सत्य है जिसका इतिहास हमेशा से साक्षी रहा है.

– जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता.’ भगवान बुद्ध का मानना है कि जिस प्रकार मोमबत्‍ती को जलाने के लिए आग की जरूरत पड़ती है, उसी प्रकार इंसान जब तक अपने भीतर आध्‍यात्मिक ज्‍वाला को नहीं जलाता, तब तक वह जीवन को बेहतर तरीके से नहीं जी पाता.

– भगवान बुद्ध कहते हैं कि क्रोध को मन में पाले रखना, गर्म कोयले को दूसरों पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के सामान है, इसमें आप ही जलते हैं. इसलिए बेहतर होगा कि आप मन में किसी के प्रति क्रोध को पाले नहीं, क्‍योंकि इससे आपको भी नुकसान उठाना पड़ता है.

– जीवन में तीन चीजें कभी भी छुपाई नहीं जा सकती, वो है- सूर्य, चंद्रमा और सत्य.’ अर्थात, अगर आप सच को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं तो यह आप अधिक दिनों तक नहीं कर पाएंगे. क्‍योंकि सच कभी ना कभी सामने आ ही जाता है. इसलिए सत्‍य वचन बनें और सत्‍य का साथ दें.

– भविष्य के सपनों में मत खो और भूतकाल में मत उलझो, वर्तमान पर ध्यान दो. जीवन में खुश रहने का यही एक सही रास्ता है.’ भगवान बुद्ध यहां कहते हैं कि जो लोग केवल भविष्‍य के सपने देखते हैं या भूतकाल में ही उलझे रह जाते हैं, उनके जीवन में खुशी कभी आती ही नहीं, इसलिए इंसान को वतर्मान में जीना चाहिए.

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