फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को फाल्गुन पूर्णिमा व्रत और स्नान-दान किया जाता है इस दिन प्रात:काल में पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और उसके बाद दान किया जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा की शाम चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से सुख समृद्धि आती है और इसी के साथ धन, वैभव आदि भी प्राप्त होता है। इस दौरान शाम के समय होलिका दहन करते हैं और उसके अगले दिन होली मनाते हैं। आइए जानते है इसके बारे में:
फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन
फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान दान और पूजा पाठ के अलावा होली के त्योहार से भी संबंध है. हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने फाल्गुन पूर्णिमा की रात भक्त प्रह्लाद को आग में जलाकर मारने का प्रयास किया था, हालांकि प्रह्लाद बच गए और होलिका जलकर मर गई. इस वजह से हर साल फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन होता है और अगले दिन होली खेलते हैं. आइए जानते हैं फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि, स्नान-दान का मुहूर्त.
फाल्गुन पूर्णिमा 2023 तिथि
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 06 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 07 मार्च को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान और दान 07 मार्च को होगा.
फाल्गुन पूर्णिमा 2023 चंद्रोदय
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन 07 मार्च को चंद्रोदय शाम 06 बजकर 19 मिनट पर होगा और चंद्रास्त 08 मार्च को सुबह 06 बजकर 44 मिनट पर होगा.
फाल्गुन पूर्णिमा 2023 स्नान-दान मुहूर्त
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन प्रात:काल से ही स्नान-दान प्रारंभ हो जाता है. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:02 एएम से 05:51 एएम तक है. इस दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:09 पीएम से दोपहर 12:56 पीएम तक है. इस दिन का विजय मुहूर्त दोपहर 02:30 पीएम से दोपहर 03:17 पीएम तक है.
फाल्गुन पूर्णिमा की पूजा
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सुबह सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते हैं और उनकी पूजा करते हैं, इससे घर में सुख और शांति आती है. फाल्गुन पूर्णिमा की रात चंद्रमा की पूजा करने और अर्घ्य देने से कुंडली में व्याप्त चंद्र दोष दूर होता है.
इस रात माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करते हैं. उनको पसंद का भोग अर्पित करते हैं, जिससे वे प्रसन्न होकर अपने भक्तों को धन, वैभव और सुखी जीवन का आशीर्वाद देती हैं.