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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114Sankashti Chaturthi hubh muhurat 2024 : हिन्दू धर्म में हर त्योहार का बहुत महत्व होता है। इसी प्रकार संकष्टी चतुर्थी व्रत का भी हिन्दू धर्म में बहुत विशेष महत्व है। यह हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। वही इसे दूसरे नाम यानि विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। दरसअल देखा जाए तो नाम से ही पता चल रहा है जो अपने भक्तो के सरे दुख और विघ्न हर ले। वही मान्यता है कि गणेश स्तोत्र का पाठ करने से सुख समृद्धि आती है। बप्पा अपने भक्तो पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते है। तो आइए जानते है इस व्रत का महत्व और पूजा विधि
इस दिन मनाई जाएगी संकष्टी चतुर्थी
वैदिक पंचांग के अनुसार, अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 सितंबर रात 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 21 सितंबर को शाम 6 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी। आपको बता दे कि इस तिथि पर चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त 8 बजकर 29 मिनट पर है। उदयातिथि पड़ने के कारण संकष्टी चतुर्थी 21 को मनाई जाएगी।
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
– संकष्टी चतुर्थी को सुबह जल्दी उठकर घर और पूजा घर अच्छे से साफ़ कर स्नान करें।
– फिर साफ सुथरे वस्त्र धारण करें।
– इसके बाद पूजा स्थान पर गंगाजल का छिड़क कर दे।
– फिर बाप्पा गणपति जी की प्रतिमा स्थापित करें।
– अब विधि-विधान के साथ पूजा करें गणपति की।
– पूजा के समय भक्त ओम गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
– साथ ही गणपति को मोदक का भोग लगाएं।
– इस प्रकार से भक्त संकष्टी चतुर्थी की पूजा करें