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Sawan 2024: सावन के महीने अपनी राशि के अनुसार इस प्रकार करे महादेव की पूजा-अराधना और मंत्र जाप; महादेव होंगे प्रसन्न

Sawan 2024: ज्योतिषविदों का कहना है कि अगर सावन महीने में महादेव को राशिनुसार कुछ खास चीजें अर्पित की जाएं तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

शिवजी को राशिनुसार अर्पित करें ये चीजें
मेष– भगवान शिव को फूल अर्पित करें. इससे स्वास्थ्य और रोजगार की बाधाएं दूर होंगी
वृष– शिवजी को दही और जल चढ़ाएं. इससे सम्पन्नता और सुखद वैवाहिक जीवन का वरदान मिलेगा
मिथुन– शिवजी को बेल पत्र अर्पित करें. इससे करियर और संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी
कर्क– दूध मिश्रित जल अर्पित करें. स्वास्थ्य की समस्याओं और दुर्घटनाओं से रक्षा होगी
सिंह– गन्ने का रस अर्पित करें. सम्पन्नता मिलेगी और संतान प्राप्ति सरल होगी.
कन्या– भांग और धतूरा अर्पित करें. तनाव कम होगा. जीवन में स्थिरता आएगी.
तुला– इत्र या सुगंध अर्पित करें. विवाह और नौकरी की बाधाएं दूर होंगी.
वृश्चिक– शिवजी को अबीर गुलाल अर्पित करें. विवाद, मुकदमेबाजी और तनाव से बचे रहेंगे
धनु– शिवजी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और आरती करें. आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी. बाधाएं नहीं आएंगी
मकर– शिवजी को तिल और जल अर्पित करें. संतान पक्ष और वैवाहिक पक्ष की समस्याओं में सुधार होगा.
कुंभ– शिवजी को जल और बेल पत्र चढ़ाएं. मानसिक शांति और क्रोध पर नियंत्रण मिलेगा.
मीन– शिवजी को चंदन अर्पित करें. स्वास्थ्य उत्तम रहेगा. धन की कमी नहीं होगी.

 

चार पहर ऐसे करें शिवजी की पूजा
सावन शिवरात्रि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें. फिर शिव पूजा का संकल्प लें. शिवजी को जल अर्पित करें. इसके बाद पंचोपचार पूजन करके शिव मंत्रों का जाप करें. फिर रात में शिव मंत्रों के अलावा रुद्राष्टक या शिव स्तुति का पाठ भी कर सकते हैं. अगर आप चार पहर पूजन करते हैं तो पहले पहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घी और चौथे में शहद से पूजन करें. हर पहर में जल का प्रयोग जरूर करना चाहिए.

 

दिव्य मंत्रों का करें जाप

1. महामृत्युंजय मंत्र– इस मंत्र का जाप नियमित जाप करने से रोग, दोष और सभी तरह के सकंटों का नाश हो जाता है.
– ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

2. शिव गायत्री मंत्र– गायत्री मंत्र का जाप करने से पितृ दोष, कालसर्प दोष, राहु केतु तथा शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
– ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात

3. लघु महामृत्युंजय मंत्र- जिन्हें महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना कठिन लगा है, वे लघु महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.
– ॐ हौं जूं सः

 

 

 

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