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चैत्र नवरात्री 9वें दिन ऐसे करें माँ सिद्धिदात्री को प्रसन्न, जाने कन्या पूजन और व्रत पारण का मुहूर्त

चैत्र नवरात्री का आज आखरी दिन है आज महानोमी है जिसे रामनौमी भी कहा जाता है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन मां के पूजा के दौरान कन्या पूजन किया जाता है। फिर पारण के बाद चैत्र नवरात्रि का महापर्व समाप्त हो जाता है। भक्त माँ को प्रसन्न करने के माँ की पुरे दिल से पूजा उपासना करे। माँ के सामने एक घी का दीपक जलाएऔर मां सिद्धिदात्री को पुरे नौ कमल के फूल चढ़ाये।

इसके बाद भक्त चाहे को माँ को 9 प्रकार के पकवान, फल या मिठाई अर्पित कर सकते हैं। उसके बाद “ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः” का यथाशक्ति जाप करे। फिर चढ़ाए हुए फूलो को किसी लाल कपड़े में लपेट कर रखे। देवी को अर्पित किए हुए पकवान को पहले गरीबो में बांटें और खुद भी ग्रहण करें। ये तो रही माँ की पूजा करने कि बात चलिए जानते है कन्या पूजन की विधि:

2 साल से 10 साल तक की कन्या को भोजन कराना बहुत शुभ होता है। कहते हैं कि कौमारी कन्या की पूजा से घर की दरिद्रता दूर होती है और आर्थिक मोर्चे पर लाभ मिलता है। इसलिए छोटी कन्या बहुत खास होती है। माँ के पूजा के बाद कन्या पूजन बहुत लाभकारी माना जाता है कन्याओं को घर पर आने की लिए उन्हें आमंत्रित करें। घर आयी कन्याओ का पूरा परिवार उनका स्वागत करे माँ दुर्गा का नामों के जयकारे लगाएं। सभी को साफ़ सुथरी जगह है बैठाएं।

कन्याओ के साथ एक बालक को भी बैठाएं। ये ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस बटुक को भैरव का स्वरूप माना जाता है। सभी का पैरों को धोए और पैर छूकर उनका आशीर्वाद ले। इसके बाद कन्याओ सहित बालक के माथे पर तिलक लगाए और अक्षत बांधे। सभी को हलवा, पूरी और चने का प्रसाद खिलाये। भोजन के उन्हें दक्षिणा ,कोई उपहार दें और इस दौरान उनके पैर छूकर आशीर्वाद ले।

चैत्र नवरात्रि व्रत पारण का समय:
चैत्र नवरात्रि में 9 दिन की व्रत-उपासना के बाद नवमी तिथि पर व्रत का पारण किया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बाद चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 बजे से 17 अप्रैल को दोपहर 03.14 बजे पर खत्म होगी. ऐसे में नवमी पर दोपहर 03 बजकर 14 मिनट के बाद आप चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण कर सकते हैं।

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