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हुक्मनामा श्री हरमंदिर साहिब जी 27 जनवरी 2025

Today Hukamnama Sahib : गूजरी महला ५ ॥ मात पिता भाई सुत बंधप तिन का बलु है थोरा ॥ अनिक रंग माइआ के पेखे किछु साथि न चालै भोरा ॥१॥ ठाकुर तुझ बिनु आहि न मोरा ॥ मोहि अनाथ निरगुन गुणु नाही मै आहिओ तुम्हरा धोरा ॥१॥ रहाउ ॥ बलि बलि बलि बलि चरण तुम्हारे.

Today Hukamnama Sahib : गूजरी महला ५ ॥ मात पिता भाई सुत बंधप तिन का बलु है थोरा ॥ अनिक रंग माइआ के पेखे किछु साथि न चालै भोरा ॥१॥ ठाकुर तुझ बिनु आहि न मोरा ॥ मोहि अनाथ निरगुन गुणु नाही मै आहिओ तुम्हरा धोरा ॥१॥ रहाउ ॥ बलि बलि बलि बलि चरण तुम्हारे ईहा ऊहा तुम्हारा जोरा ॥ साधसंगि नानक दरसु पाइओ बिनसिओ सगल निहोरा ॥२॥७॥१६॥

Today Hukamnama Sahib अर्थ : माँ, बाप, बेटा, भाई, रिश्तेदार-इनका सहारा कमजोर सहारा है। मैंने माया के भी अनेक रंग तमाशे देख लिए हैं (इन में से भी) कोई जऱा सा भी (जीव के) साथ नहीं जाता।।1।। हे मालिक प्रभु! तेरे बिना मेरा (और कोई सहारा )नहीं है। मैं निआसरे गुणहीन में कोई गुण नहीं है। मैंने तेर सहारा ही देखा है।।1।।रहाउ ।। हे प्रभु! मैं तेरे चरणों से कुर्बान जाता हूँ। इस लोक और परलोक में मुझे तेरा ही सहारा है। गुरू नानक जी कहते हैं, हे नानक! (कह कि जिस मनुख ने) साध संगत में टिक के प्रभु का दर्शन कर लिया, उस की मोहताजी ख़त्म हो गयी।।2।।7।।16।।

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