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सावन का चौथा मंगल आज, मां पार्वती जी की पूजा से मिलेगा अखंड सौभाग्य होने का आशीर्वाद

आज सावन का चौथा मंगलवार है और आज के दिन मंगला गौरी व्रत रखने का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन विधि-विधान पूर्वक मां मंगला गौरी की पूजा-आराधना की जाती है। सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए पति की लंबी उम्र का व्रत रखती हैं, तो वहीं अविवाहित महिलाएं अच्छा वर पाने के लिए मंगला गौरी का व्रत रखती हैं। इतना ही नहीं धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, संतान प्राप्ति के लिए भी मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है। इस दिन विधि-विधानपूर्वक व्रत रखने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और समस्त मनोकामना की पूर्ति होती है। आइए जानते है इससे जुड़ी कुछ और खास बातों के बारे में:

जानिए पूजा विधि
पंडित कल्की राम के अनुसार, सावन के प्रत्येक मंगलवार के ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. पूजा चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा कर माता पार्वती और भगवान शंकर की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. इसके अलावा माता पार्वती को लाल रंग के वस्त्र तथा सुहाग के सामान अर्पित करें. घी का दीपक जलाएं. इसके बाद विधि-विधानपूर्वक पूजा-आराधना करनी चाहिए. पूजा पाठ में पान, सुपारी, लवंग, इलायची, लड्डू तथा चूड़ियां (संख्या 16 होनी चाहिए) अर्पित करें. फिर मंगला गौरी व्रत की कथा सुननी चाहिए. उसके बाद अपने पति की दीर्घायु और सुखी दांपत्य जीवन की कामना करनी चाहिए.

करें इन मंत्रों का जप
– सर्वमंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरणनेताम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
– ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।।

जानें धार्मिक महत्त्व
सनातन धर्म को मानने वाली सुहागिन महिलाएं मंगला गौरी का व्रत अपने पति के दीर्घायु जीवन के लिए रखती हैं. इसके अलावा अविवाहित लड़कियां भी सुंदर पति पाने के लिए मंगला गौरी का व्रत रखती हैं. इस व्रत को रखने से पति-पत्नी का आपसी प्रेम बढ़ता है. मान्यता है कि अगर सच्चे मन से इस व्रत को रखा जाए तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है.

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