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कल है मासिक शिवरात्रि, जानिए पूजा के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में

मासिक शिवरात्रि 20 जनवरी दिन शुक्रवार को है। यह नए साल की पहली शिवरात्रि है। इस दिन व्रत रखने है और भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव जी की पूजा करने से बहुत लाभ मिलते है और उनका आशीर्वाद आप पर हमेशा बना रहता है।.

मासिक शिवरात्रि 20 जनवरी दिन शुक्रवार को है। यह नए साल की पहली शिवरात्रि है। इस दिन व्रत रखने है और भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव जी की पूजा करने से बहुत लाभ मिलते है और उनका आशीर्वाद आप पर हमेशा बना रहता है। आइए जानते है पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में:

शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 20 जनवरी को सुबह 09:59 बजे से माघ कृष्ण चतुर्दशी तिथि यानि माघ शिवरात्रि की तिथि शुरु हो रही है. इस तिथि की समाप्ति 21 जनवरी को सुबह 06:17 बजे होगी. माघ मासिक शिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त रात 12:05 बजे से लेकर देर रात 12:59 बजे तक है. जिन लोगों को भगवान शिव के मंत्रों की सिद्धि करनी है, वे निशिता पूजा मुहूर्त में का सकते हैं. मासिक शिवरात्रि को भद्रा सुबह 09:59 बजे से लेकर रात 08:10 बजे तक है. भद्रा के समय में पूजा पाठ वर्जित नहीं होता है.

कब है महाशिवरात्रि
इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 को है. 18 फरवरी रात 08:02 बजे से महाशिवरात्रि की तिथि यानि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि लग रही है और यह 19 फरवरी को शाम 04:18 बजे तक है. महाशिवरात्रि की निशिता काल पूजा रात 12:09 बजे से लेकर देर रात 01 बजे तक होगी. हालांकि आप इस दिन कभी पूजा कर सकते हैं.

शिवरा​त्रि का महत्व?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव साकार स्वरूप में आए थे, शिव का ज्योतिर्लिंग स्वरूप साकार हुआ था. इसके अलावा यह भी मानते हैं कि शिवरा​त्रि को ही माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था. शिवरा​त्रि के दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के कष्ट, दुख आदि दूर होते हैं और महादेव के आशीर्वाद से मनोकामनाएं सिद्ध होती हैं.

पंचाक्षर मंत्र का करें जाप
महाशिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि के दिन आप भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप रूद्राक्ष की माला से करें. कम से कम 108 बार इसका जाप करें. इस मंत्र जाप से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

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