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नवरात्रि के 7वां दिन करे माँ कालरात्रि की पूजा अर्चना, जानिये विधि और पूजा के लाभ, शुभंकरी होंगी प्रसन्न मिलेगा अदभुत परिणाम

चैत्र के नवरात्री का आज सातवां दिन है। इन दिनों माँ दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जा रही है। इस समय सभी भक्तो के घर नौ देवियो की पूजा उपासना की जी रहा है। कई भक्तो ने माँ को प्रसन्न करने के लिए नौ दिन का उपवास भी रखा है। आज नवरात्री का सातवां दिन है आज के दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी। माँ कालरात्रि का रूप अत्यंत तीव्र और भयानक है।

तीन नेत्रधारी वाली माँ इनके गले में विद्युत् की अद्भुत माला होता है। माँ के हाथो में खड्ग और कांटा होता है और इनका वाहन गधा है। माँ के रूप अनेक है। माँ अपने भक्तो का हमेशा कल्याण करती है। माँ को और नाम से भी जाना जाता है इन्हे शुभंकरी भी बोला जाता है। तो चलिए जानते है आखिर माँ से सातवे रूप यानि मां कालरात्रि को किन प्रकार से प्रसन्न किया जा सकता है।

मां कालरात्रि की उपासना :- माँ को प्रसन्न करना है तो पहले उनकी पूजा की विधि का ज्ञात होता बहुत जरुरी है क्योकि यदि पूजा पुरे विधि के अनुसार की जाये तो माँ अपने भक्तो पर जल्दी प्रसन्न होती है और अपनी दिव्यदृष्टि डालती है। माँ के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाये और इसके साथ मां कालरात्रि को लाल फूल अर्पण करें। गुड़ का भोग लगाएं और सप्तशती का पाठ करें। क्योकि मां कालरात्रि को गुड़ का भोग बहुत पसंद है।मां को गुड़, गुड़ की खीर या गुड़ से बनी चीज का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद भक्त को 108 बार नवार्ण मंत्र करना चाहिए। इस दौरान भक्त को मंत्र बोलते समय एक-एक लौंग रहना चाहिए।

वो नवार्ण मंत्र कुछ इस प्रकार से है ” ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे” 108 बोले मंत्र पर 108 लौंग को एकत्रित करके अग्नि में डाल दें। ऐसा करने से आपके विरोधी और शत्रु शांत होंगे और वही भोग लगाए गए गुड़ का आधा भाग प्रशाद के तोर कर परिवार में बाटें। बाकी आधा गुड़ किसी ब्राह्मण को दान कर सकते हैं। ऐसा करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है लेकिन बात बात जरूर ध्यान में रखे की आप काले रंग के वस्त्र धारण करके या किसी को नुकसान पंहुचाने के उद्देश्य से पूजा बिलकुल न करे।

माँ कालरात्रि की पूजा का लाभ : वैरी और दुश्मनो को नियंत्रित करने के लिए मां कालरात्रि की उपासना करना बेहद शुभ होती है। क्योकि माँ की उपासना करने से दुर्घटना,रोगों का और भय का नाश होता है। माँ की पूजा अर्चना करने से तंत्र-मंत्र का कोई असर नहीं होता है। ज्योतिष में शनि नामक ग्रह को नियंत्रित करने के लिए इनकी पूजा करना अदभुत परिणाम देता है।

नवरात्रि का महाउपाय : नवरात्रि में किसी भी रात्रि को मां लक्ष्मी की पूजा करे। उन्हें गुलाब का फूल अर्पित करें और दीपक जलायें। इसके बाद सोलह बार श्री सूक्तम का पाठ करें. आपकी धन सम्बन्धी समस्यायें दूर होंगी।

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