मुंबई : महाराष्ट्र के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री Ashish Shelar ने कहा है कि देश का पहला कृत्रिम मेधा (एआई) विश्वविद्यालय राज्य में स्थापित करने की योजना बनाने एवं इसके कार्यान्वयन के लिए कार्यबल का गठन किया गया है। शेलार ने शनिवार शाम को कहा कि यह विश्वविद्यालय एआई और इससे संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देगा तथा उत्कृष्टता का केंद्र होगा। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय उद्योग, शिक्षा एवं सरकार के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। शेलार ने कहा कि कार्यबल में शिक्षा जगत, उद्योग और सरकार के विशेषज्ञ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह एआई शिक्षा, शोध और नवोन्मेष पर केंद्रित संस्थान बनाने की दिशा में काम करेगा। शेलार ने कहा कि यह पहल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी घोषणापत्र के अनुरूप है, जिसमें विकास के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया गया था।
कार्यबल की अध्यक्षता सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव करेंगे
‘‘विश्वविद्यालय एआई और संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा। यह कौशल विकास, प्रौद्योगिकी नवोन्मेष और नीति निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। इसका उद्देश्य महाराष्ट्र को एआई शिक्षा और नवोन्मेष का केंद्र बनाना है।’’ इस कार्यबल की अध्यक्षता सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव करेंगे। इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई एवं भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) मुंबई के निदेशक, गूगल इंडिया, मंहिद्रा ग्रुप एवं एलएंडटी जैसे संगठनों के प्रतिनिधि और भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं। राजीव गांधी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग तथा भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद के विशेषज्ञ भी कार्यबल में शामिल हैं।