Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

अभिनेत्री Soma Laishram ने खुद पर लगाए गए प्रतिबंध का किया विरोध, कहा-मुझे बोलने का पूरा हक

इंफालः मणिपुरी अभिनेत्री सोमा लैशराम ने सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग लेने पर हाल ही में एक नागरिक संगठन द्वारा फिल्मों में अभिनय और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर लगाए गए प्रतिबंध का कड़ा विरोध किया और कहा कि उन्होंने अपने राज्य के खिलाफ कुछ गलत नहीं किया है। मणिपुर में हिंसा जारी रहने के बीच दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के कारण नागरिक संगठन कांगलीपाक कानबा लुप (केकेएल) ने अभिनेत्री पर यह प्रतिबंध लगाया है। लैशराम ने सोशल मीडिया पर साझा किए एक वीडियो में कहा कि वह इस घटना से सदमे में हैं और उन्हें काफी दुख पहुंचा है।

सौ से अधिक मणिपुरी फिल्मों में अभिनय कर चुकीं लैशराम ने कहा, ‘‘एक कलाकार और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर (अपने विचारों से लोगों प्रेरित करने वाले) के तौर पर मैं इसका (निर्देश का) कड़ा विरोध करती हूं। मैं जब भी चाहूं और जहां भी जरूरत महसूस करूं वहां मुझे बोलने का पूरा अधिकार है..। मैंने अपने राज्य अपनी मातृभूमि के खिलाफ कुछ गलत नहीं किया।’’ अभिनेत्री (31) ने कहा, ‘‘जब मुझे पूवरेत्तर उत्सव में बतौर ‘शो स्टॉपर’ मणिपुर का प्रतिनिधित्व करने के लिए बुलाया गया तो मैं वहां मौजूद हजारों लोगों के बीच सिर्फ अपने राज्य का समर्थन करने और जागरुकता फैलाने के इरादे से गई थी।’’ लैशराम पर प्रतिबंध की लोग और फिल्म संगठन काफी आलोचना कर रहे हैं।

संपर्क किए जाने पर फिल्म फोरम मणिपुर के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा कि इस तरह का दखल दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित है। मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय के लोगों की अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में हुए ‘जनजातीय एकता मार्च’ प्रदर्शनों के बाद भड़की हिंसा में अब तक 175 से अधिक लोगों की जान चली गई है और इस जातीय हिंसा में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। मेइती समुदाय की आबादी मणिपुर की कुल आबादी का 53 प्रतिशत है जो मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं जबकि नगा एवं कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है जो अधिकांशत: पर्वतीय जिलों में निवास करता है।

Exit mobile version