‘छोड़ो कल की बातें’ नाटक से भारतेंदु नाट्य उत्सव की शुरुआत

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित पांच दिवसीय भारतेंदु नाट्य उत्सव में सोमवार को ‘छोड़ो कल की बातें’ नाटक से शुरुआत की गयी। ये वार्षिक उत्सव दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद और सांस्कृतिक विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है।दिल्ली में आयोजित पांच दिवसीय उत्सव सोमवार से 24 मार्च तक चलेगा। पहला नाटक आज अभिनेता.

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित पांच दिवसीय भारतेंदु नाट्य उत्सव में सोमवार को ‘छोड़ो कल की बातें’ नाटक से शुरुआत की गयी। ये वार्षिक उत्सव दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद और सांस्कृतिक विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है।दिल्ली में आयोजित पांच दिवसीय उत्सव सोमवार से 24 मार्च तक चलेगा। पहला नाटक आज अभिनेता निर्देशक जेपी सिंह द्वारा निर्देशित जयवर्धन का ‘छोड़ो कल की बातें’ प्रस्तुत किया गया। यह नाटक तीन बुजुर्ग पुरुषों पर आधारित है, जो अपने अतीत को भूलकर वर्तमान पर ध्यान लगा रहे हैं।

इस नाटक में दिखाया गया कि बुजुर्ग पुरुषों में जहां एक तरफ जीने की ख्वाहिश है, वहीं अब दुनिया छोड़कर जाने का खौफ भी है। इन तीनों बुजुर्गों ने जिंदगी को करीब से देखा और जिया है। ये पुरुष कुछ परिस्थितियों के कारण मारे गए तो कुछ अपने ही लोगों द्वारा मारे गए। हालांकि मरने के बाद भी इनमें इतना साहस है कि कभी-कभी अपनी अजीब हरकतों से दूसरों को हंसाते हैं। ये तीनों कभी समय से लड़ते हुए नजर आए तो कभी परिस्थितियों से लड़ते हुए दिखे।

वहीं ये अपनी मानसिक स्थिति से पीड़ित होकर विभिन्न रूपों में दिखाई दिए। इनका जीवन कई बार एक भ्रम जैसा प्रतीत होता है क्योंकि इनका अतीत, जिसे वे अंदर दफन करने का नाटक करते हैं, एक न एक दिन सामने आ ही जाता है। अंत में, नाटक इस विषय को उजागर करता है कि क्या बुढ़ापा एक अभिशाप है? क्या आज के रिश्ते कमजोर होते जा रहे हैं?‘छोड़ो कल की बातें’ नाटक में रंगमंडप समूह के चार कलाकार अनुराग कोहली ने टप्पू, गौरव वर्मा ने घनश्याम, अरुण सोडे ने जगलाल की और निर्देशक जेपी सिंह ने महावीर की तथा नीता बत्रा ने उमाजी की भूमिका निभाई।

दरअसल, पांच दिन के इस उत्सव के माध्यम से हर साल अभिनेताओं, निर्देशकों और लेखकों को अपना हुनर प्रदर्शित करने के लिए एक मंच दिया जाता है, जो लोगों के लिए रचनात्मक प्रदर्शन कलाएं प्रस्तुत करते हैं। करीब 40 वर्षों से आयोजित होने वाला यह महोत्सव थिएटर प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन मंच देता है। इस उत्सव में हर दिन एक नाटक को प्रदर्शित किया जाएगा।भूपेश जोशी द्वारा निर्देशित नाटक ‘मन के भंवर’ को मंगलवार को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसे पद्मश्री डी.पी. सिन्हा ने लिखा है।

बुधवार को प्रसिद्ध भारतीय लेखक, कवि, उपन्यासकार सच्चिदानन्द हीरानंद वात्स्यायन का नदी के द्वीप पर आधारित नाटक प्रदर्शित किया जाएगा। यह कबीर खान द्वारा निर्देशित और रजनीश मन्नी द्वारा अनुकूलन है। अनुरागना थिएटर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत और अशरफ अली द्वारा निर्देशित गुरुवार को जूलियस सीज़र नाटक को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसे मुख्य रूप से विलियम शेक्सपियर द्वारा रचा गया है। वहीं उत्सव के अंतिम दिन यानि शुक्रवार को ‘एक आवाज़ मोहब्बत की – ललेश्वरी’ प्रसिद्ध अभिनेता, निर्देशक, लेखक और कवयित्री काजल सूरी रुबरू समूह द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।

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