नोएडा : फिल्म निर्माता Boney Kapoor और भूटानी इंफ्रा सर्मिथत कंपनी ‘बेव्यू प्रोजेक्ट्स’ ने बहुप्रतीक्षित नोएडा इंटरनेशनल फिल्म सिटी के पहले चरण के विकास के लिए मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है और उम्मीद है कि मंजूरी के बाद तीन साल में काम पूरा हो जाएगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ‘बेव्यू प्रोजेक्ट्स’ के लिए कपूर ने मंगलवार को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) को मास्टर प्लान सौंप दिया। वाईईआईडीए के सीईओ अरुण वीर सिंह ने मास्टर प्लान प्राप्त होने की पुष्टि की और संवाददाताओं से कहा, हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि यदि योजना सभी मानदंडों और दिशानिर्देशों के अनुरूप है तो इसे जल्द से जल्द मंजूरी मिल जाए। उत्तर प्रदेश सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना दिल्ली के निकट यमुना एक्सप्रेसवे से सटे वाईईआईडीए के सेक्टर 21 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत 1,000 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी। पहले चरण में लगभग 230 एकड़ भूमि विकसित की जाएगी। बेव्यू प्रोजेक्ट्स ने 31 जनवरी को बोली जीती थी और उत्तर प्रदेश सरकार को 18 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश की थी – जो चार बोलीदाताओं में सबसे अधिक थी। सिंह के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कपूर ने फिल्म सिटी के विकास के लिए अपने दृष्टिकोण को विस्तार से बताया तथा भारत में फिल्म निर्माण में क्रांति लाने तथा वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने की इसकी क्षमता पर जोर दिया।
पहले चरण में ध्वनि मंच और एक सर्मिपत फिल्म विश्वविद्यालय का निर्माण शामिल होगा : कपूर
कपूर ने कहा कि परियोजना के पहले चरण में ध्वनि मंच और एक सर्मिपत फिल्म विश्वविद्यालय का निर्माण शामिल होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का निर्माण देश भर से, विशेषकर उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए किया जा रहा है, ताकि लोग पटकथा लेकर आएं और उसपर फिल्म बन सके। कपूर ने कहा कि ये सुविधाएं फिल्म निर्माण के बाद की प्रक्रिया (पोस्ट-प्रोडक्शन) सहित निर्माण के सभी पहलुओं को शामिल करेंगी। उन्होंने कहा कि पहला चरण तीन वर्षों में पूरा करने का लक्षय़ है, जो फिल्म सिटी के विस्तार के लिए आधार का काम करेगा। कपूर दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं को इस बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिए आमंत्रित करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका मकसद सभी तरह की सुविधाएं एक ही जगह देने का है। कपूर संसद की दर्शक दीर्घा के समान एक व्यवस्था स्थापित करने की योजना भी रखते हैं जहां जनता शूंटिग देख सकती है और ब्रेक के दौरान निर्देशकों या अभिनेताओं के साथ बातचीत कर सकती है।