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Dedh Bigha Zameen Movie Review : “डेढ़ बीघा जमीन” की कहानी समाज के उस हिस्से से कराती है अवगत, जो कि ज्यादातर मिडिल क्लास घर की है कहानी

पुलकित द्वारा लिखित और निर्देशित तथा कर्मा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के प्रतिष्ठित बैनर तले शैलेश आर सिंह, सुनील जैन और हितेश ठक्कर द्वारा निर्मित 'डेढ़ बीघा जमीन' एक मध्यम वर्गीय आम आदमी की भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई पर प्रकाश डालती है।

मुंबई (फरीद शेख) : प्रतीक गांधी (Pratik Gandhi) अपने बेहतरीन अभिनय की वजह से जाने जाते हैं। हाल ही में प्रतीक गांधी की फिल्म मडगाँव एक्सप्रेस रिलीज हुई है। मडगांव एक्सप्रेस दर्शकों को काफी पसंद आई, तो वहीं इसके अलावा प्रतीक गांधी विद्या बालन के साथ दो और दो प्यार में इश्क लड़ते हुए भी नजर आए। अब प्रतीक एक बार फिर से ओटीटी पर नजर आने वाले हैं। बता दें कि इस हफ्ते ओटीटी पर सिंबल गांधी की फिल्म डेढ़ बीघा जमीन रिलीज होने वाली हैं। बस जानते हैं कैसी हैं।

डेढ़ बीघा जमीन की कहानी कहीं न कहीं हमारे समाज के उस हिस्से से अवगत कराती है। जो कि ज्यादा तर मिडिल क्लास के घर की कहानी है। जहां पर बेटी की शादी के लिए घरवालों को दहेज देने के लिए अपनी जमीन से लेकर ना जाने क्या-क्या दाव पर लगाना पड़ता है। जबकि सभी जानते हैं कि दहेज लेना अपराध है, लेकिन इसके बावजूद भी लोग कानून का उल्लंघन करते हुए दहेज को बढ़ावा देते हैं और मांगते हैं। डेढ़ बीघा जमीन के माध्यम से कहीं न कहीं प्रतीक गाँधी ने उस आम आदमी की कहानी लोगों तक पहुँचाने की कोशिश की है, जिससे हर कोई गुजर रहा है, लेकिन इसके खिलाफ आवाज बहुत कम ही लोग उठा लेते हैं।

फिल्म में प्रतीक गांधी ने अपने हर किरदार को काफी बेहतरीन तरीके से निभाया है। तो वहीं उनकी पत्नी का किरदार निभाने वाली खुशाली कुमार ने अच्छी एक्टिंग की है। यदि आप काफी दिनों से किसी पारिवारिक फिल्म का इंतजार कर रहे थे। उनकी कहानी दिल को छू जाए तो आपको ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए। ‘डेढ़ बीघा जमीन’ में भी यही हो रहा है, जब प्रतीक गांधी अपनी बहन की शादी की तैयारी कर रहा है और खर्च के लिए वह अपनी पुश्तैनी संपत्ति बेचना चाहता है। लेकिन, उसे पता चलता है कि वह संपत्ति असल में उसके कब्जे में नहीं है। अलग-अलग सरकारी दफ्तरों में जाकर यह पता लगाने की कोशिश करने के बाद कि कहां गलती हुई या कुछ गैरकानूनी काम हुआ, प्रतीक गांधी आखिरकार अपने परिवार को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाता है। क्या जमीन का वह टुकड़ा कभी अपने असली मालिक के पास आएगा? खैर, इसके लिए आपको ‘डेढ़ बीघा ज़मीन’ देखनी होगी।

दैनिक सवेरा टाइम्स न्यूज मीडिया नेटवर्क इस फिल्म को 3 स्टार की रेटिंग देती है।

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