नई दिल्ली: रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने आगामी आम बजट से पहले सरकार से खुदरा विक्रेताओं को आसान वित्तपोषण उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। साथ ही आरएआई ने कारोबार को सुगम बनाने के लिए राष्ट्रीय खुदरा नीति में तेजी लाने का आह्वान भी किया।
आरएआई ने अपने बजट पूर्व ज्ञपन में कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट में कम करों के रूप में लाभ या रियायतें देकर मांग पैदा करने और उपभोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इससे समग्र उपभोक्ता भावना को बढ़ावा मिलेगा और खुदरा क्षेत्र को लाभ होगा।
खुदरा विक्रेताओं को कम लागत पर वित्त उपलब्ध कराने की मांग करते हुए आरएआई ने कहा, ‘‘खुदरा कारोबारियों के लिए आसान वित्तपोषण सुनिश्चित करने के लिए बजट में विशेष घोषणा की जानी चाहिए। उन्हें कम ब्याज पर कर्ज की सुविधा मिलनी चाहिए।’’ इसमें कहा गया है कि सरकार को एक विशेष कोष आवंटित करना चाहिए तथा सिडबी के साथ मिलकर
व्यापारियों को वित्त के लिए एक विशेष योजना बनानी चाहिए। इससे लाखों खुदरा विक्रेताओं को फायदा होगा।
खुदरा क्षेत्र को आवशय़क सेवा के रूप में मान्यता देने की मांग करते हुए आरएआई ने कहा, ‘‘खाद्य एवं पेय सेवा (एफ एंड बी) खुदरा क्षेत्र को प्राथमिक तथा आवशय़क सेवा माना जाना चाहिए। भूमि दरों तथा बिजली जैसी अन्य आवशय़कताओं पर सब्सिडी और अन्य लाभ दिए जाने चाहिए।’’ आरएआई ने यह भी मांग की कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के सभी लाभ खुदरा व्यापारियों को दिए जाने चाहिए।