क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा पर बनी पंजाबी फिल्म ‘सराभा’ की अमेरिका, कनाडा में शानदार ओपनिंग

टोरंटो: लाहौर में 1915 में 19 साल की उम्र में अंग्रेजों द्वारा फांसी पाने वाले युवा भारतीय क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा के जीवन पर आधारित फिल्ज़्म ‘सराभा’ को दुनियाभर के दर्शकों से प्ज़्यार मिल रहा है। इस फिल्ज़्म को कनाडा और अमेरिका में दर्शकों से भारी प्रतिक्रिया मिली है। सराभा अंग्रेजों द्वारा फांसी पाने वाले.

टोरंटो: लाहौर में 1915 में 19 साल की उम्र में अंग्रेजों द्वारा फांसी पाने वाले युवा भारतीय क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा के जीवन पर आधारित फिल्ज़्म ‘सराभा’ को दुनियाभर के दर्शकों से प्ज़्यार मिल रहा है। इस फिल्ज़्म को कनाडा और अमेरिका में दर्शकों से भारी प्रतिक्रिया मिली है। सराभा अंग्रेजों द्वारा फांसी पाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीयों में से एक थे, उन्होंने भगत सिंह को क्रांतिकारी बनने के लिए प्रेरित किया। लॉस एंजिल्स स्थित निर्देशक कवि राज द्वारा निर्देशित, सराभा पहली पंजाबी फिल्म है। ‘सराभा’ अकेले अमेरिका भर में रिकॉर्ड 55 सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। कनाडा में भी फिल्म टोरंटो, वैंकूवर, कैलगरी, एडमॉन्टन और अन्य शहरों के कई थिएटरों में प्रदर्शति की जा रही है।

अपनी फिल्म को मिली भारी प्रतिक्रिया से उत्साहित निर्देशक कवि राज ने आईएएनएस से कहा, ‘‘सराभा आपकी विशिष्ट पंजाबी फिल्म नहीं है। यह भारत की आजादी में गदर नायकों की भूमिका पर एक ऐतिहासिक दस्तावेज है। ‘सराभा’ मात्र 19 वर्ष का एक युवा लड़का था जिसने अपनी मातृभूमि के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उन्होंने महान क्रांतिकारी भगत सिंह को प्रेरित किया।‘ कवि ने कहा, ’मैं ‘सराभा’ को मिली प्रतिक्रिया से अभिभूत हूं। एडवांस बुकिंग के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। उत्तरी अमेरिका में किसी पंजाबी फिल्म के लिए यह कुछ नया है। सरे (कनाडा) और फ्रेस्रो (यूएस) जैसे शहरों में लोगों ने इस देशभक्ति फिल्म को बढ़ावा देने के लिए पोस्टर और फ्Þलायर्स छपवाए और वितरित किए। मैं इससे अभिभूत हूं।‘

निर्देशक ने कहा कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलकर इस फिल्म को स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का अनुरोध करेंगे ताकि पंजाबियों की भावी पीढ़ियों में प्रेरणा और गौरव पैदा हो सके। करतार सिंह सराभा लुधियाना के सराभा गांव में जन्मे। सराभा 15 साल की छोटी उम्र में बर्कले विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए अमेरिका चले गए। लेकिन एक बार अमेरिका में, युवा सराभा भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए अमेरिका और कनाडा के पश्चिमी तट पर भारतीय प्रवासियों द्वारा शुरू किए गए गदर आंदोलन में शामिल हो गए। भारत, कनाडा और अमेरिका में फिल्माई गई इस फिल्म में सराभा की मुख्य भूमिका में चंडीगढ़ का लड़का जपतेज है। फिल्म निर्देशक ने अपनी फिल्म में गदर के सबसे बड़े नेता सोहन सिंह भकना की भूमिका भी निभाई है। महाराजा दलीप सिंह पर उनकी 2017 की फिल्म ‘द ब्लैक प्रिंस’ के बाद ‘सराभा’ कवि राज की दूसरी फिल्म है।

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