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Sanjay Leela Bhansali की ‘Heeramandi’ का “सकल बन” गाना लंदन के रॉयल कॉलेज ऑफ म्यूजिक म्यूजियम में हुआ प्रदर्शित

मुंबई : संजय लीला भंसाली की नेटफ्लिक्स सीरीज़ ‘हीरामंडी’ ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम कर ली है। इसका पॉपुलर गाना “सकल बन” अब लंदन के रॉयल कॉलेज ऑफ़ म्यूज़िक (RCM) म्यूज़ियम में अवेकन : सूफ़ी म्यूज़िक एंड वूमेन ऑफ़ साउथ एशिया एग्जिबिशन में दिखाया गया है। यूके में यह एग्जिबिशन अक्टूबर तक यानी, तीन महीने तक चलेगा। इस तरह से ‘हीरामंडी’ अब मुगल-ए-आजम और जीनत जैसे आइकॉनिक सूफी संगीत के साथ दिखाया जा रहा है, जिससे भारतीय संगीत इतिहास में इसकी जगह और मजबूत हो रही है।

‘हीरामंडी’ ग्लोबल लेवल पर एक्लेम म्यूजिक एल्बम पेश करने वाली पहली इंडियन वेब सीरीज है, जो ग्लोबल स्टेज पर इंडियन की अलग – अलग संगीत की विरासत पर रोशनी डालती है। रॉयल कॉलेज ऑफ म्यूजिक म्यूजियम के एग्जिबिशन, जिसे ‘अवेकन: सूफी म्यूजिक एंड वूमेन ऑफ साउथ एशिया’ कहते हैं, वह सूफी संगीत के पुरुष प्रधान मंच पर महिलाओं के अक्सर नजर अंदाज किए जाने वाले कहानियों को जिंदा करता है।

18 जून से शुरू हुआ एग्जिबिशन दुनिया भर से जमा किए गए कलेक्शन के आइटम्स के जरिए सूफी महिलाओं के अनमोल योगदान को उजागर करता है। यह एग्जिबिशन पाकिस्तान, इंडिया और बांग्लादेश की सूफी महिलाओं की आवाज, परफॉर्मेंस और वाद्यों को मुगल काल से लेकर आज के लंदन तक दिखाता है। “सकल बन” को इस एग्जिबिशन में शामिल करना इस गाने की सांस्कृतिक और सांगीतिक से जुड़ी अहमियत को जाहिर करता है।

‘हीरामंडी’ के संगीत ने सीमाओं को पार कर लिया है, इसकी धुन और खूबसूरत संगीत के लिए दुनिया भर के म्यूजिक लवर्स इसकी तारीफ कर रहे हैं। सीरीज के गाने एक ग्लोबल सेंसेशन बन गए हैं, जो अनगिनत इंस्टाग्राम रील्स और पोस्ट में देखने मिल रहे हैं। यह जबरदस्त पॉपुलैरिटी संजय लीला भंसाली द्वारा तैयार संगीत की यूनिवर्सल अपील को रेखांकित करती है।

रॉयल कॉलेज ऑफ म्यूजिक म्यूजियम एग्जिबिशन में “सकल बन” के शामिल होने पर भंसाली प्रोडक्शंस की सीईओ प्रेरणा सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है, “यह देखना बहुत सम्मान की बात है कि एसएलबी के काम को ऐसे प्रतिष्ठित मंच पर मान्यता मिल रही है, हम इसे दुनिया भर के दर्शकों के साथ साझा करने के लिए रोमांचित हैं।” ‘हीरामंडी’ इंडिया को म्यूजिक की दुनिया में ग्लोबल मैप पर स्थापित करने का काम जारी रखे हुए है, और सूफी संगीत की समृद्ध और विविध विरासत और इसके इतिहास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका का जश्न मना रहा है।

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