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किराए के छोटे कमरे में परिवार के साथ रहने वाला लड़का जो बन गया आज बॉलीवुड की ‘शान’

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट और उस पर हुए विवाद पर प्लेबैक सिंगर शान ने बहुत ही सहजता से हैंडल किया था. शान आज जिस मुकाम पर हैं, यहां तक पहुंचने के लिए उनकी राहें आसान नहीं थीं. अपनी जर्नी पर उन्होंने हमसे बातचीत की है.बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी आवाज और खूबसूरत स्माइल के लिए पहचाने जाने वाले सिंगर शान ने म्यूजिक का लंबा सफर तय किया है. हालांकि एक समय अपनी सक्सेस की टॉप पर रहे शान ने ऐसा वक्त भी देखा जब उन्हें काम मिलना लगभग बंद हो गया था. इन सब उतार-चढ़ाव के बावजूद शान ने अपनी पॉजिटिविटी में कोई कमी नहीं आने दी है।

शान खुद एक म्यूजिकल परिवार से आते हैं. उनके पिता मानस मुखर्जी भी म्यूजिक कंपोजर रह चुके हैं. शान को सिंगिग अपने परिवार से विरासत में मिली है. एक म्यूजिकल परिवार से ताल्लुक रखने की वजह से उन्हें करियर में कितना फायदा मिला या फिर कितनी दिक्कतें रहीं. इस पर शान बताते हैं, मुझे हमेशा इस बात का मलाल रहेगा कि मेरे पिताजी को उतना नहीं मिला जितना वो डिजर्व करते थे. मैंने उन्हें रोज रियाज करते देखा है. उन्हें काम भले ज्यादा न मिला हो लेकिन नाम और इज्जत बहुत कमाई थी. मेरे पिताजी का जो सम्मान था, वो लाखों-करोड़ों की संपत्त‍ि से बढ़कर था. मैं जहां भी गया, लोग कहते अरे मानस दा के बेटे हो, आ जाओ. वो बहुत ही कमाल के म्यूजिशियन तो थे ही लेकिन इंसान भी बहुत अच्छे थे. वो मुझसे पापा के किस्से सुनाया करते थे. उनकी वजह से कंपोजर, सिंगर्स का प्यार मिला, तो मेरे लिए इंडस्ट्री में पहला मौका आसान रहा था. पिताजी बहुत कम उम्र में चल बसे थे. सारी जिम्मेदारियां मुझ पर आ गई थीं. हालांकि मैंने कभी इनको स्ट्रगल नहीं समझा था. मेहनत को आप स्ट्रगल मानकर चलोगे, पापा के जाने के बाद मैं अपनी मां और बहन के साथ भाड़े के छोटे से कमरे रहा. उस वक्त संगीत मेरे साथ हमेशा रहा. हम तीन लोगों की छोटी सी फैमिली थी. पापा के रहते भी दिक्कतें थीं लेकिन उनके गुजरने के बाद और बढ़ गई थीं.

हम अक्सर इस सोच में ही रह जाते हैं कि क्या सही है क्या गलत.. मैं खुद को सोचने का वक्त ही नहीं देता हूं. सिंगिंग के बाद, एंकरिंग कर ली, चालीस साल की उम्र में डांस रिएलिटी शो में पार्टीसिपेट कर लिया. फिल्मों में हीरो बन गया, बहुत से अलग एक्सपीरियंस कर लिए, शायद मेरी जगह कोई और होता, तो यही सोच में रह जाता कि लोग क्या सोचेंगे. यहां तक की मिक्की की वोटी में एंकरिंग कर लिया. कईयों ने कहा भी कि शान ये क्या कर रहा है. हालांकि मैंने कभी लोगों की सोच की परवाह रही नहीं. अगर मैं शायद बंधकर रहता, तो सफर इतना लंबा नहीं होता, इतिहास बनकर रह जाता.

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