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‘The Dirty Picture’ की 13वीं वर्षगांठ, आइए इस फिल्म से Vidya Balan के टॉप 5 आइकोनिक डायलॉग्स पर एक नज़र डालें

'The Dirty Picture' 13th Anniversary

‘The Dirty Picture’ 13th Anniversary : तेरह साल पहले, विद्या बालन अभिनीत ‘द डर्टी पिक्चर’ ने भारतीय सिनेमा में फीमेल लेड फिल्मों के डायनामिक्स को हमेशा के लिए बदल दिया। इस फिल्म ने दर्शकों, खासकर युवाओं के बीच जबरदस्त क्रेज दिखाया और भारतीय सिनेमा को फिर से परिभाषित किया। साथ ही फ़िल्म ने एक्ट्रेस को एक दमदार कलाकार के रूप में स्थापित किया, जहाँ उन्होंने सिल्क स्मिता के अपने साहसिक और निडर किरदार से स्टीरियोटाइप को तोड़ा।

मिलन लुथारिया द्वारा निर्देशित इस फिल्म में इमरान हाशमी, नसरुद्दीन शाह और तुषार कपूर भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में थे। यह न सिर्फ विद्या के लिए बल्कि बॉलीवुड के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था क्योंकि इसमें महिला सशक्तिकरण का जश्न मनाया गया और सामाजिक मानदंडों को चुनौती दी गई। अभिनेत्री के बेहतरीन अभिनय ने उन्हें नेशनल अवॉर्ड और क्रिटिक्स की प्रशंसा दिलाई, जिससे यह साबित हुआ कि कॉन्टेंट ड्रिवेन फीमेल ओरिएंटेड सिनेमा भी कमर्शियली सफल हो सकता है।

डायलॉग से लेकर म्यूजिक, कहानी और एक्टिंग तक, फिल्म ने धूम मचा दी और सालों बाद यह एक आइकोनिक फिल्म बन गई। विद्या के इस शानदार परिवर्तन ने इंडस्ट्री में लीडिंग एक्ट्रेसेस के बारे में सोचने और देखने का तरीका बदल दिया। चूंकि, फिल्म आज अपनी 13वीं वर्षगांठ मना रही है, आइए फिल्म के टॉप 5 शानदार डायलॉग पर एक नज़र डालते हैं।

1) कुछ लोगों का नाम उनके काम से होता है। मेरा बदनाम होकर हुआ है-
सिल्क स्मिता अपनी कामुक भूमिकाओं के लिए जानी जाती थीं और विद्या बालन ने एक ठोस प्रदर्शन के साथ इस किरदार को बखूबी निभाया और ट्रेलर से ही इस डायलॉग ने फिल्म देखने वालों के बीच धूम मचा दी।

2) फिल्ममें सिर्फ तीन चीज़ों की वजह से चलती है… एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट… और मैं एंटरटेनमेंट हूँ-
यह डायलॉग देश भर में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया। बच्चों से लेकर युवाओं तक, हर कोई इस आइकोनिक डायलॉग की नकल करता हुआ देखा गया। यह उनके किरदार के अनुरूप था क्योंकि विद्या ने फिल्म में जबरदस्त एंटरटेनमेंट दिया।

3) जब जिंदगी एक बार मिली है तो दो बार क्यों सोचें-
सिल्क का किरदार हमेशा से ही जिंदगी को भरपूर जीने और अपनी इच्छाओं को पूरा करने में यकीन रखता था और यह डायलॉग उनके किरदार की महत्वाकांक्षा को पूरी तरह से दर्शाता है।

4) रात को बारह की सुई के तरह चिपके रहते हो और दिन में छह की तरह-
फिल्म में विद्या अपने बोल्ड और निडर स्वभाव के लिए जानी जाती थीं और उन्होंने कभी दूसरों की धारणाओं की परवाह नहीं की। यह डायलॉग फ़िल्म में तब आता है, जब वह नसीरुद्दीन शाह से बात करती नज़र आती हैं। यह रिलीज होने के बाद लोगों के बीच काफी वायरल हो गया।

5) तारीफ में गाली दे रहे हो या गाली में तारीफ कर रहे हो-
फिल्म में बालन का किरदार ट्रोलर्स और नफरत करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जाना जाता है और यह डायलॉग बिल्कुल सही समय पर आता, जब वे एक ऐसे व्यक्ति को करारा जवाब देती हैं, जो उन पर कटाक्ष करता है।

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