मुंबई: विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म द वैक्सीन वार 24 नवंबर, 2023 को डिज़्नी+ हॉटस्टार पर रिलीज होगी।डिज़्नी + हॉटस्टार भारत के कोविड-19 टीकाकरण की प्रेरणादायक कहानी ‘द वैक्सीन वार’ लेकर आ रहा है। इसका निर्देशन विवेक अग्निहोत्री ने किया है और निर्माता पल्लवी जोशी एवं आई एम बुद्धा प्रोडक्शंस हैं । यह फिल्म 24 नवंबर, 2023 को डिज़्नी + हॉटस्टार पर रिलीज हो रही है।इस फिल्म में नाना पाटेकर, पल्लवी जोशी, राइमा सेन, अनुपम खेर, गिरिजा ओक, निवेदिता भट्टाचार्य, सप्तमी गौड़ा और मोहन कपूर जैसे कलाकार है।
विवेक अग्निहोत्री ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी दुनियाभर में हर किसी के लिये एक मुश्किल वक्त लेकर आई थी और किसी को पता नहीं था कि आखिर हम पर किसने हमला किया है। इससे भी ज्यादा मुश्किल बात थी इलाज ढूंढना, एक टीका जो सुनिश्चित करे कि हममें से किसी को भी यह बीमारी दोबारा न हो। समय के साथ हुई इस लड़ाई में हमारे देश के मेडिकल विशेषज्ञों ने मानवजाति की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी। ये गुमनाम नायक सचमुच लड़ाई के विजेता है, जो उस वायरस के खिलाफ थी, जिसे समझना ही बड़ा मुश्किल था। मेरे लिये यह फिल्म उन सभी नायकों को दिया गया एक सम्मान है। मुझे बहुत खुशी है कि ‘द वैक्सीन वार’ डिज़्नी+ हॉटस्टार पर आ रही है, क्योंकि इससे दुनियाभर में दर्शकों को पता चलेगा कि टीका खोजने के लिये हमारे डॉक्टरों ने किस हद तक काम किया।
अनुपम खेर ने कहा, ‘द वैक्सीन वार’ दुनिया के सामने भारत की ताकत दिखाती है, जब हर कोई अपने रोजमर्रा के काम भी नहीं कर पा रहा था। भारतीय बायोटेक इंजीरियरों की शानदार टीम हमें कोविड-19 से सुरक्षित रखने वाला टीका खोजने में व्यस्त थी। विवेक अग्निहोत्री और उनकी टीम ने बेहतरीन तरीके से उनके संघर्ष, लड़ाई और उपलब्धि पाने की प्रेरणा को पेश किया है। मुझे बहुत खुशी है कि यह फिल्म डिज़्नी+ हॉटस्टार पर रिलीज हो रही है और गुमनाम नायकों की यह कहानी कई भारतीयों तक पहुँच सकेगी।
नाना पाटेकर ने कहा, ‘द वैक्सीन वार’ ऐसी कहानी है, जिसे बताना यकीनन जरूरी था- क्योंकि यह उनकी कहानी है, जिन्होंने एक जानलेवा महामारी का समाधान तलाशने के लिये अपनी जान को जोखिम में डाला। जब विवेक इस फिल्म की पटकथा लेकर मेरे पास आये, तब इनकार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता था और मैंने पलक झपकते ही ‘हां’ कह दिया! इन डॉक्टरों की कहानी बताना मेरे लिये महत्वपूर्ण था, क्योंकि कोई नहीं जानता कि लगभग दो साल तक वह कैसे-कैसे हालातों से गुजरे। हम नागरिकों के पास अपने घर में रहने का विकल्प था, लेकिन उनके पास नहीं। उन्हें बाहर निकलना था और अपनी जान जोखिम में डालनी थी, जिससे महामारी को रोका जा सके। इस फिल्म के डिज़्नी+ हॉटस्टार पर स्ट्रीम होने से दुनिया में कई लोगों को मेडिकल के क्षेत्र में भारत की कुशलता का पता चलेगा और वो ये भी देखेंगे कि डॉक्टरों ने महामारी के लिये टीका खोजने में आखिर कितनी मेहनत की।