अबू धाबी: ‘ब्राउन रंग’, ‘ब्लू आईज़’, ‘अंग्रेज़ी बीट’ और अन्य गानों के जरिए युवा दिलों में पैठ बना चुके रैपर यो यो हनी सिंह ने कहा है कि उनके लिए ‘साहस’ किसी भी काम में सबसे महत्वपूर्ण है। अबू धाबी में चल रहे इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवार्ड्स (आइफा) के अवसर पर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि जीवन में हर चीज करने के लिए साहस जरूरी है। मैं नई दिल्ली के एक छोटे से गांव करमपुरा से हूं। आज, मैं यहां आईफा जैसे ग्लोबल इवेंट में खड़ा हूं। जो चीज मुझे वापस ला रही है वह साहस है।
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हनी सिंह 2010 के दशक में हिंदी संगीत उद्योग के सबसे अधिक डिमांड वाले कलाकारों में से एक थे। कई बॉलीवुड एल्बम को अपनी आवाज से सजाने वाले हनी सिंह ने कुछ हिंदी फिल्मों में भी अभिनय किया है। हालांकि, बाद में वह बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार हो गए और मनोरंजन उद्योग से दूर हो गए। ट्रीटमेंट और अपनी इच्छाशक्ति के बल पर फिर से संगीत की दुनिया में लौटे। हनी का ‘साहस’ से मतलब वो कठिनाइयां हैं जिसे उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर बेदम किया और फिर संगीत क्षेत्र में उल्लेखनीय वापसी की। संगीत और कला में एआई के बढ़ते उपयोग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, तकनीक और कला का मिश्रण पसंद है।
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एआई खासकर संगीत के लिए अद्भुत है। हनी ने एक उदाहरण के जरिए इसे समझाया। उन्होंने कहा, दिल्ली का एक लड़के (अंशुमान शर्मा) ने मोहम्मद रफी साहब की आवाज और एआर रहमान की ‘जोधा अकबर’ की रचना का एआई ट्रैक बनाया। जब मैंने इसे पहली बार सुना, तो मैं सोच रहा था कि यह अद्भुत है। इसके साथ ही सिंगर ने इसकी अति को गलत बताया। उन्होंने आगे कहा कि एआई हो, संगीत हो, तकनीक हो, कंप्यूटर विज्ञान हो, शराब हो, या पार्टी करना, किसी भी चीज़ का अति-प्रयोग बुरा है। उन्होंने पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ की भी तारीफ की। कहा कि एक सिख परिवार से आने वाले लड़के (दिलजीत दोसांझ) ने जो किया वह सच में कुछ अलग है। उसका साहस, उसकी क्षमता और उसका जुनून उसके काम में झलकता है। वह बिल्कुल नहीं बदला है, वह वही दिलजीत दोसांझ है, जिसके साथ मैंने ‘द नेक्स्ट लेवल’ एल्बम पर काम किया था।