जबलपुर : मध्यप्रदेश के जबलपुर में पांच सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सेवानिवृत्ति के बाद लाभ योजनाओं के तहत फर्जी दावे पेश करके करीब सात करोड़ रुपये हड़पने का मामला दर्ज किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जबलपुर के जिला कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि राज्य वित्त विभाग के स्थानीय निधि लेखा परीक्षा कार्यालय के पांच कर्मचारियों ने सेवानिवृत्ति के बाद ऑनलाइन फर्जी दावे पेश करके और स्वयं मंजूरी देकर 6,99,20,000 रुपये हड़प लिए।
उन्होंने बताया कि जांच के बाद संदीप शर्मा, सीमा अमित तिवारी, मनोज बरहैया, प्रिया और अनूप कुमार भौर्या को सरकारी खजाने से पैसे निकालने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया।
रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी दावे दायर
कलेक्टर ने बताया कि कुछ मामलों में आरोपियों ने पैसे हड़पने के लिए अपने रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी दावे दायर किए। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। सक्सेना ने बताया कि फर्जी नामों से फर्जी बिलों का भुगतान एक अप्रैल 2021 से इस साल तीन मार्च तक डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए ऑनलाइन किया गया।
उन्होंने बताया कि भुगतान से जुड़े दस्तावेजों में विसंगतियां पाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने मामले की जांच के लिए आठ सदस्यीय कमेटी गठित की थी। अधिकारी ने बताया कि आरोपी अधिकारियों के खिलाफ दो दिन पहले ओमती थाने में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 316 (5) (आपराधिक विश्वासघात), 319 (2) (पहचान करके धोखाधड़ी), 318 (4) (धोखाधड़ी), 338 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी), 336 (6) (जालसाजी), 340 (2) (जाली दस्तावेज), 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। ओमती पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।